कानपुर में जांच के डर से वक्फ जमीन पर बसे लोगों में खलबली...लाखों लोगों की नींद हराम, भूमाफियाओं ने ऐसे किया खेल
कानपुर, अमृत विचार। हर इंसान का ख्वाब होता है कि वह अपने बच्चों को एक आशियाना जरूर बनाकर दे। तिनका तिनका जोड़कर किसी तरह लोग रहने का ठिकाना बनाते हैं और ऐसे ही लोगों को भूमाफिया ने अपना शिकार बनाया। वक्फ जमीनों को बेचकर भूमाफिया तो लंबी रकम लेकर किनारे हट गए लेकिन जिन लोगों ने फ्लैट मकान या दुकान लिए हैं, उनके चेहरों पर हवाइयां उड़ रही हैं क्योंकि वक्फ संशोधन कानून आने के बाद इन संपत्तियों का भविष्य अंधेरे में है।
घनी आबादी वाले क्षेत्रों में दर्जनों ऐसी वक्फ संपत्तियां हैं, जिन्हें भूमाफिया ने 25 से 30 लाख रुपये तक एडवांस लेकर 4 से 5 कमरों वाले फ्लैट एग्रीमेंट करके थमा दिये। ऐसे लोगों को ट्रस्ट की ओर से माफिया एक रसीद थमा देते हैं कि आपको 800 रुपये या 1000 रुपये किराया देना है। मेन रोड पर कई दुकानें तो ऐसी हैं जो 50-50 लाख रुपये में दी गई हैं हालांकि ये भी कोई जरूरी नहीं है कि जिस ट्रस्ट की रसीद थमाई गई है, वह असली ट्रस्ट हो।
चमनगंज, बेकनगंज, कर्नलगंज समेत दर्जनों क्षेत्र हैं, जहां वक्फ की संपत्ति में वन टू का फोर करने वाले करोड़पति बन गए लेकिन जिन लोगों ने फ्लैट, दुकान, मकान वक्फ का लिया है, उनकी जान अटकी है कि कहीं योगी सरकार जांच न करा दे।
कानपुर की वक्फ संपत्तियों का ब्यौरा बनाकर शासन को भेज दिया है। इसमें शिया और सुन्नी दोनों वक्फ जायदाद शामिल हैं। इनमें कितनी वक्फ जायदाद पर कब्जा है, कितनी संपत्ति विवादित है, पूरा ब्यौरा शासन को भेजा है।- पवन सिंह, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कानपुर नगर
