पीलीभीत: अवैध धार्मिक स्थल के बाद अब आस-पास के निर्माण प्रशासन के रडार पर

पीलीभीत, अमृत विचार। शहर की एक कॉलोनी में अवैध धार्मिक स्थल का मामला सामने आने के बाद अब कॉलोनी के इर्दगिर्द हो रहे निर्माण भी प्रशासन के रडार पर आ सकते हैं। बताते हैं कि कॉलोनी के समीप ही नजूल भूमि भी है। इस पर पिछले कुछ समय से अवैध निर्माण का गोरखधंधा चल रहा है। इसको लेकर शिकायतें भी की गई, मगर भूमि को आवासीय बताकर मामले को रफा दफा किया जाता रहा है। इधर उक्त क्षेत्र में नजूल भूमि पर अवैध निर्माण का मामला संज्ञान में आने पर सिटी मजिस्ट्रेट ने जेई विनियमित क्षेत्र को तलब कर मामले की जानकारी ली। मंगलवार को सिटी मजिस्ट्रेट नगर पालिका के ईओ समेत राजस्व टीम के साथ जमीन की हकीकत परखेंगे।
पिछले कुछ सालों से शहर समेत आसपास क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों का मकड़जाल तेजी से फैला है। डीएम संजय कुमार सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पिछले दिनों विनियमित क्षेत्र समेत सभी उप जिलाधिकारियों को अपने क्षेत्रों में पड़ताल कर अवैध कॉलोनियों को चिह्नित करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। वहीं तमाम कॉलोनाइजरों ने कॉलोनियों के नक्शे भी पास कराए। इधर शहर के नकटादाना चौराहे के समीप बनी केजीएन कॉलोनी में एक अवैध धार्मिक स्थल होने की शिकायत आने के बाद जांच कराई गई। जांच में पाया गया कि धार्मिक स्थल का नक्शा विनियमित क्षेत्र से स्वीकृत ही नहीं है। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने संबंधित को नोटिस जारी किया है। इधर इस कॉलोनी में बिना नक्शा पास कराए बने धार्मिक स्थल का मामला प्रकाश में आने के बाद इसके पिछले हिस्से में हुए निर्माण भी प्रशासन के निशाने पर आ गए हैं।
बताते हैं कि कॉलोनी के पीछे बह रही खकरा नदी के लगे क्षेत्र में नजूल भूमि भी है। यह भूमि नगर पालिका के अधीन की है। हालांकि पूर्व में इस नजूल भूमि पर कई बार कब्जे के प्रयास किए गए, मगर प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए भूमि को खाली करवाने के साथ वहां बोर्ड भी लगवाए गए थे। बताते हैं कि पूर्व सिटी मजिस्ट्रेट जितेंद्र कुमार शर्मा और सुनील कुमार सिंह के कार्यकाल के दौरान यहां बोर्ड लगवाए गए, लेकिन दोनों बार ही इन बोर्डों को ठिकाने लगा दिया।
नजूल भूमि के साथ ही कुछ आवासीय श्रेणी की भूमि है। इसी आवासीय श्रेणी भूमि की आड़ में नजूल भूमि को भी बड़े पैमाने पर ठिकाने लगाया जा रहा है। इधर मामला संज्ञान में आने के बाद सोमवार को सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर ने जेई विनियमित क्षेत्र केके चंद को तलब को उनसे भूमि और वहां हो रहे निर्माण के संबंध में जानकारी ली। जेई ने बताया कि उक्त नजूल की भूमि नगर पालिका के अधीन है। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने नगर पालिका के प्रभारी ईओ/एसडीएम सदर आशुतोष गुप्ता से भूमि के संबंध में जानकारी ली।
सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर ने बताया कि मंगलवार को नगर पालिका एवं राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंचकर पड़ताल की जाएगी। यदि कहीं अवैध निर्माण का मामला प्रकाश में आता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।