ATM से पैसे निकालना हुआ महंगा, 1 मई से हर ट्रांजेक्शन पर देना होगा बढ़ा हुआ शुल्क
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अमृत विचार। बैंक ग्राहकों के लिए ATM से पैसे निकालना बृहस्पतिवार से महंगा हो गया है। अब बैंक महीने में मुफ्त निकासी सीमा खत्म होने पर ग्राहकों से प्रति नकद निकासी पर 23 रुपये शुल्क वसूल सकते हैं।
इससे पहले बैंकों को मुफ्त निकासी सीमा से अधिक लेनदेन पर 21 रुपये तक शुल्क लेने की अनुमति थी। एटीएम से निर्धारित सीमा से अधिक निकासी पर लगने वाले शुल्क से संबंधित भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निर्देश बृहस्पतिवार से लागू हो गए हैं।
ग्राहक अपने बैंक के ऑटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएम) से हर महीने पांच मुफ्त लेनदेन (वित्तीय एवं गैर-वित्तीय लेनदेन समेत) के लिए पात्र हैं। ग्राहक अन्य बैंकों के एटीएम से भी सीमित संख्या में मुफ्त लेनदेन के लिए पात्र हैं। महानगरों में वे तीन निःशुल्क लेनदेन और अन्य स्थानों पर पांच निःशुल्क लेनदेन कर सकते हैं। इससे अधिक लेनदेन करने पर बैंक शुल्क वसूलते हैं।
आरबीआई ने 28 मार्च को ATM निकासी पर शुल्क से संबंधित एक परिपत्र जारी किया था। आरबीआई ने कहा था, ‘मुफ्त लेनदेन के अलावा ग्राहक से प्रति लेनदेन अधिकतम 23 रुपये का शुल्क लिया जा सकता है। यह एक मई 2025 से प्रभावी होगा।’
आरबीआई ने एटीएम लेनदेन के लिए इंटरचेंज शुल्क संरचना पर भी निर्देश जारी किए हैं। परिपत्र में कहा गया है कि एटीएम इंटरचेंज शुल्क को एटीएम नेटवर्क तय करेगा। सभी केंद्रों में वित्तीय लेनदेन के लिए वर्तमान इंटरचेंज शुल्क प्रति लेनदेन 17 रुपये और गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए छह रुपये है।
एटीएम इंटरचेंज शुल्क एक बैंक अपने ग्राहकों को दूसरे बैंक के एटीएम से नकदी निकालने की अनुमति देने के लिए दूसरे बैंक को देता है। RBI का परिपत्र सभी वाणिज्यिक बैंकों पर लागू होता है, जिसमें आरआरबी, सहकारी बैंक, अधिकृत एटीएम नेटवर्क ऑपरेटर, कार्ड भुगतान नेटवर्क ऑपरेटर और एटीएम परिचालक शामिल हैं।