कश्मीरियों को पहलगाम हमले से जोड़ना चिंताजनक... महबूबा ने की अब्दुल्ला के बयान की निंदा, जानें पूरा मामला
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में शनिवार को एक राजनीतिक विवाद तब खड़ा हो गया जब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला पर पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर कश्मीरियों पर कथित आरोप लगाने वाले "चिंताजनक बयान" देने का आरोप लगाया।
नेकां ने पलटवार करते हुए कहा कि डॉ. अब्दुल्ला ने स्थानीय लोगों को दोष नहीं दिया और मुफ्ती के बयान को "चौंकाने वाला" बताया। विवाद तब शुरू हुआ जब मुफ्ती ने 'एक्स' पर डॉ.अब्दुल्ला के कथित बयान को लेकर उनकी आलोचना की। मुफ्ती ने कहा कि डॉ.अब्दुल्ला का बयान, जिसमें कश्मीरियों को पहलगाम हमले से जोड़ा गया, बेहद चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा,“ ऐसा बयान नफरत फैलाने वाले नैरेटिव को बढ़ावा देता है, कश्मीरियों और मुस्लिमों को बदनाम करने का जरिया बनता है, खासकर जब बाहर पढ़ रहे छात्र और व्यापारी पहले से ही हमलों का शिकार हो रहे हैं।” उन्होंने कहा कि कश्मीरी नेताओं को पहलगाम आतंकवाद हमले के शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिन्होंने लोगों से मुसलमानों और कश्मीरियों के खिलाफ भड़कने से बचने की अपील की थी।
नेकां के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा,“ यह हैरानी की बात है कि मुख्यमंत्री रह चुका कोई इंसान इतना नीचे गिर सकता है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि डॉ.अब्दुल्ला ने अपने बयान में कहीं भी 'कश्मीरी' या 'स्थानीय लोगों' का जिक्र नहीं किया।
सादिक ने कहा,“ जब हम कश्मीरी छात्रों, व्यापारियों और परिवारों की सुरक्षा की कोशिश कर रहे हैं, तब फारूक अब्दुल्ला के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करना शर्मनाक है। महबूबा को माफ़ी मांगनी चाहिए और ट्वीट हटाना चाहिए, जब तक वे अपने दावे को साबित नहीं कर सकतीं। यह राजनीति नहीं, बल्कि गैर-जिम्मेदाराना हरकत है।”
