पीलीभीत: निगरानी के बीच फिर वन विभाग की आंखों से ओझल हुई लंगड़ाती बाघिन
महोफ रेंज में लंगड़ाती बाघिन को रेस्क्यू करने का मामला
पीलीभीत, अमृत विचार: पीलीभीत टाइगर रिजर्व में टीमों की निगरानी के बीच लंगड़ाती बाघिन एक बार फिर ओझल हो गई। हालांकि दिनभर टीमें बाघिन की तलाश में घूमती रहीं, लेकिन बुधवार देर शाम तक बाघिन की कोई लोकेशन नहीं मिल सकी। इधर डीएफओ भी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और निगरानी टीम को बाघिन तलाशने के निर्देश दिए।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की महोफ रेंज के चूका सेक्शन में चार दिन पूर्व पर्यटन मार्ग के समीप एक लगड़ाती बाघिन देखी गई थी। लंगड़ाती बाघिन की हकीकत जानने को उच्चाधिकारियों के निर्देश पर बाघिन की 24 निगरानी करने के निर्देश दिए गए थे। साथ ही संबंधित क्षेत्र में ट्रेप कैमरे लगाने के साथ हाथियों की मदद से बाघिन की खोजबीन शुरू कर दी गई थी। हालांकि दो दिन बीतने के बाद बीते मंगलवार को बाघिन चूका सेक्शन में देखे जाने के बाद टीमें अलर्ट हो गई थी। इधर, शासन से बाघिन को रेस्क्यू करने की अनुमति मिलने के बाद मंगलवार को संबंधित क्षेत्र में पिंजड़ा लगाया है। डीएफओ भरत कुमार डीके और टाइगर रिजर्व के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. दक्ष गंगवार भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने निगरानी टीमों को अलर्ट रहकर बाघिन की लगातार मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए थे।
इधर बुधवार को टीमों की निगरानी के बीच बाघिन एक बार फिर ओझल हो गई। हालांकि निगरानी के लिए चार टीमें लगाई गई हैं। इधर बाघिन को तलाशने के लिए टीमें दिन भर संबंधित क्षेत्र के अलावा आसपास क्षेत्र में खाक छानती रही। इस दौरान ट्रैक्टर, थर्मल ड्रोन आदि की भी मदद ली गई, मगर बुधवार देर शाम तक बाघिन को कोई लोकेशन ट्रेस नहीं हो सकी। खास बात यह रही कि बाघिन को पकड़ने के लिए जो पिंजड़ा लगाया गया था, बाघिन उसके आसपास भी नहीं पहुंची। बताते हैं कि बाघिन अस्वस्थ होने के चलते कमजोर भी होती जा रही है। इससे उसकी जान को खतरा पैदा हो सकता है। ऐसे में महकमा बाघिन को जल्द से जल्द रेस्क्यू करने में जुटा है। डीएफओ भरत कुमार डीके ने बताया कि बाघिन की लोकेशन नहीं मिली हैं। ट्रेस करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही बाघिन को रेस्क्यू कर लिया जाएगा।
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