शशि थरूर, कनिमोझी, सुप्रिया सुले समेत ये 7 सांसद दुनिया के सामने खोलेंगे पाकिस्तान की पोल, मोदी सरकार ने सौंपी जिम्मेदारी
40 सांसदों के 7 डेलीगेशन को विदेश भेजेगी भारत सरकार
नई दिल्ली। केंद्र की मौदी सरकार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों समेत प्रमुख साझेदार देशों में इस महीने के अंत में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजेगी जो पहलगाम आतंकवादी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के मद्देनजर आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के भारत के संदेश को उन तक पहुंचाएंगे।
संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल हर तरह के आतंकवाद का मुकाबला करने की भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ दृष्टिकोण को सामने रखेंगे। वे आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के देश के मजबूत संदेश को दुनिया के सामने लेकर जाएंगे।"
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सरकार ने प्रतिनिधिमंडल के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के ऐसे नेताओं का सोच समझ कर चयन किया है, जिन्हें मुखर माना जाता है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सांसद संजय झा, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे सात अलग-अलग प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे।
इनमें से चार नेता सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से हैं, जबकि तीन विपक्षी ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) गठबंधन से हैं। सूत्रों ने बताया कि प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल के करीब पांच देशों का दौरा करने की संभावना है। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में प्रतिष्ठित राजनयिक शामिल होंगे।
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बयान में कहा गया है, "ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई के संदर्भ में, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों समेत प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे।"
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में भारत एकजुट है। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे। वे आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के हमारे साझा संदेश को लेकर जाएंगे।" मंत्रालय के बयान को साझा करते हुए उन्होंने कहा, "यह राजनीति से ऊपर, मतभेदों से परे राष्ट्रीय एकता का एक शक्तिशाली प्रतिबिंब है।"
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