वाशिंगटन में बोले मिस्त्री- 21वीं सदी में सैन्य साझेदारी को आकार देने में प्रमुख स्तंभ होंगे India-US
वाशिंगटन। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अमेरिका के विदेश, रक्षा, राजकोषीय और वाणिज्य विभागों और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के शीर्ष अधिकारियों के साथ मिल कर सैन्य साझीदारी के अवसरों का विश्लेषण किया तथा वाणिज्य और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के बारे में चर्चा की।
विदेश सचिव मिस्री ने अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के लिए 27-29, मई तक वाशिंगटन की यात्रा की। यह यात्रा 13 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की यात्रा के बाद हुई थी जिसके दौरान दोनों पक्षों ने 21वीं सदी के लिए भारत-अमेरिका समझौता (सैन्य साझीदारी के अवसरों का विश्लेषण, त्वरित वाणिज्य और प्रौद्योगिकी) का शुभारंभ किया था।
उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पवन कपूर भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। विदेश मंत्रालय के अनुसार अपनी यात्रा के दौरान विदेश सचिव मिस्री ने विदेश विभाग, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद, रक्षा विभाग, राजकोषीय विभाग और वाणिज्य विभाग के समकक्षों के साथ व्यापक चर्चा की।
उप विदेश मंत्री क्रिस्टोफर लैंडौ के साथ दोपहर के भोजन की बैठक में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय एजेंडे के सभी आयामों की समीक्षा की। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि प्रौद्योगिकी, व्यापार और प्रतिभा 21वीं सदी में भारत-अमेरिका साझीदारी को आकार देने वाले प्रमुख स्तंभ होंगे।
रक्षा उप मंत्री स्टीव फीनबर्ग और नीति सचिव एल्ब्रिज कोल्बी के साथ बैठकों में, दोनों पक्षों ने एक मजबूत और दूरदर्शी रक्षा साझीदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। चर्चा सह-उत्पादन और सह-विकास पहलों, निरंतर संयुक्त सैन्य अभ्यासों, रसद और सूचना-साझाकरण ढांचे और सशस्त्र बलों के बीच अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाने पर केंद्रित थी। राजकोष विभाग के उप मंत्री माइकल फॉकेंडर के साथ, विदेश सचिव ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सहयोग और आगामी वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) प्रक्रियाओं में समन्वय सहित आर्थिक और वित्तीय संबंधों को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की।
वाणिज्य उप मंत्री जेफरी केसलर के साथ अपनी बैठक में दोनों पक्षों ने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर प्रगति, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग और आईटीएआर और निर्यात नियंत्रण नियमों को सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता की समीक्षा की। वे जल्द से जल्द भारत-अमेरिका रणनीतिक व्यापार वार्ता की अगली बैठक बुलाने पर सहमत हुए।
कॉम्पैक्ट में उल्लिखित दृष्टिकोण के अनुरूप, रक्षा सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा, ट्रस्ट पहल, आतंकवाद-रोधी, हिंद महासागर रणनीतिक उद्यम और क्वाड, आई2यू2 और आईएमईईसी जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से सहयोग सहित कई रणनीतिक क्षेत्रों पर विस्तृत अंतर-एजेंसी चर्चाएं आयोजित की गईं।
विदेश सचिव मिस्री ने उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कपूर के साथ मिलकर महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए उद्योग प्रतिनिधियों के साथ संयुक्त रूप से एक गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने थिंक टैंक समुदाय के सदस्यों के साथ एक ठोस बातचीत की, जिसमें भारत-अमेरिका रणनीतिक साझीदारी का पूरा विस्तार शामिल था।
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