Israel Attack on Iran: इजरायल ने ईरान के दो न्यूक्लियर साइट समेत कई मिलिट्री ठिकानों को बनाया निशाना, तेहरान में हुए कई विस्फोट, आपातकाल घोषित
इजराइल के प्रधानमंत्री ने दावा किया, ‘‘ दशकों से तेहरान के तानाशाह खुलेआम इजराइल के विनाश की बातें करते रहे हैं। उन्होंने जनसंहार के अपने बयानों के साथ ही परमाणु हथियार विकसित करने का कार्यक्रम भी संचालित किया। ईरान ने नौ परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त उच्च-संवर्धित यूरेनियम का हाल के वर्षों में उत्पादन किया है।’’
नेतन्याहू ने कहा, ‘‘हाल के महीनों में ईरान ने ऐसे कदम उठाए हैं जो उसने पहले कभी नहीं उठाए। जैसे संवर्धित यूरेनियम से हथियार बनाने का कदम, और अगर इसे नहीं रोका गया तो ईरान बहुत कम समय में परमाणु हथियार बना सकता है। यह एक साल में हो सकता है, यह कुछ महीनों में हो सकता है, या एक साल से भी कम समय में हो सकता है। यह इजराइल के अस्तित्व के लिए एक स्पष्ट खतरा है।’’ नेतन्याहू ने कहा कि उनका देश ईरानी शासन के परमाणु जनसंहार का शिकार नहीं बनेगा। इजराइल ने पूरे देश में विशेष आपातकाल की घोषणा कर दी है।
अमेरिका की प्रतिक्रिया
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि इजरायल ने इस हमले को आत्मरक्षा के लिए जरूरी बताया और अमेरिका को पहले सूचित किया था। हालांकि, अमेरिका इस ऑपरेशन में शामिल नहीं है और उसकी प्राथमिकता क्षेत्र में तैनात अपने सैनिकों की सुरक्षा है। उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान को अमेरिकी कर्मियों को निशाना नहीं बनाना चाहिए। यह पहली बार है जब अमेरिका ने इजरायली कार्रवाई से खुद को स्पष्ट रूप से अलग किया, लेकिन रणनीतिक समर्थन और सतर्कता की बात भी की।
ईरान का जवाब
ईरान ने हमले की पुष्टि करते हुए इसे आक्रामक सैन्य कार्रवाई बताया। ईरानी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि कुछ हमलों को विफल किया गया और अब जवाबी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। ईरानी विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र से तत्काल बैठक बुलाने की मांग की और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। ईरानी सरकारी टीवी ने भी पुष्टि की कि इजरायल ने दो परमाणु स्थलों को निशाना बनाया।
