संसदीय समिति ने दालों-तिलहनों का आयात बढ़ने पर जताई चिंता, तो जानिए क्या बोली सरकार

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Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। सरकार ने एक संसदीय समिति को बताया कि पिछले 10 वर्षों में दालों और खाद्य तेलों का घरेलू उत्पादन एक दशक पहले की तुलना में अधिक गति से बढ़ा है। दूसरी ओर सांसदों ने मांग को पूरा करने के लिए आयात पर भारत की निर्भरता पर चिंता जताई है। कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण संबंधी संसद की स्थायी समिति के समक्ष प्रस्तुतीकरण में कहा गया कि 2023-24 में 156.6 लाख टन का आयात, खाद्य तेलों की घरेलू मांग का 56 प्रतिशत है। 

सूत्रों ने कहा कि कृषि मंत्रालय ने 20 जून की बैठक में इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए किए जा रहे कार्यों पर जोर दिया और कहा कि 2014-15 और 2024-25 के बीच तिलहन उत्पादन में 55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। तीसरे अग्रिम अनुमान में पिछले वित्त वर्ष में तिलहन उत्पादन 426.09 लाख टन होने का अनुमान है। इस तरह 2004-05 और 2014-15 के बीच 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। 

सूत्रों ने कहा कि देश पाम तेल की मांग को पूरा करने के लिए लगभग पूरी तरह से आयात पर निर्भर है। कुछ सांसदों ने अपेक्षाकृत सस्ते खाद्य तेल से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी खतरों का जिक्र किया। मंत्रालय ने कहा कि खाद्य तेल आयात पर भारत की भारी निर्भरता से सालाना 80,000 करोड़ रुपये से अधिक का भार पड़ रहा है।  

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