Stock Market: मिले-जुले रुख के बीच शेयर बाजारों में हल्की गिरावट, सेंसेक्स 287.60 अंक गिरा, डॉलर के मुकालबे पैसा हुआ कमजोर
दिल्ली। वैश्विक बाजारों से मिल रहे मिले-जुले संकेतों तथा भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर चल रहे विभिन्न प्रकार के अनुमानों के बीच बाजार को लेकर निवेशकों के सतर्क रुख के कारण भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार को गिरावट का रुख रहा। आज कारोबार के अंत में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 287.60 अंक या 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83,409.69 पर और एनएसई का 50 प्रमुख शेयरों वाल मुख्य सूचकांक निफ्टी 88.40 अंक या 0.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,453.40 पर था। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 14 लाभ और 16 घाटे में बंद हुये।
बाजार में रियल्टी और वित्तीय कंपनियों में बिकवाली का दबाव दिखा। श्रीराम फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी लाइफ, एलएंडटी में सबसे ज्यादा गिरावट रही रही, जबकि टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, अल्ट्राटेक सीमेंट, मारुति सुजुकी, एशियन पेंट्स लाभ में रहे। क्षेत्रवार सूचकांकों में सेक्टरों में, मेटल इंडेक्स में 1.4 प्रतिशत की तेजी आयी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स इंडेक्स में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि पीएसयू बैंक, कैपिटल गुड्स, रियल्टी, मीडिया, पावर में 0.4-1.4 प्रतिशत तथा बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आयी।
आशिका इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के तकनीकी और डेरिवेटिव विश्लेषक सुंदर केवट ने कहा कि मिश्रित वैश्विक संकेतों और प्रत्याशित अमेरिका-भारत व्यापार सौदे से पहले निवेशकों की सतर्कता ने बाजार सहभागियों को चिंतित कर रखा है। निफ्टी 25,588 पर सपाट खुला और नकारात्मक क्षेत्र में फिसलने से पहले कुछ समय के लिए 25,608 तक चढ़ गया था। उन्होंने कहा कि निफ्टी का 25,378 के निचले स्तर तक जाना मुनाफावसूली और नये संकेतों की कमी को दर्शाता है।
डेरिवेटिव सेगमेंट में, बाजार की चौड़ाई नकारात्मक रही, जिसमें 98 शेयर चढ़े और 130 गिरे। इस खंड में पीजी इलेक्ट्रोप्लास्ट, ब्लू स्टार, टाटा कम्युनिकेशंस, सीजी पावर और बालकृष्ण इंडस्ट्रीज में उल्लेखनीय ओपन इंटरेस्ट स्पर्ट्स देखे गये, जो इन काउंटरों में व्यापारियों की बढ़ी हुई रुचि का संकेत देते हैं। श्री केवट के अनुसार कुल मिलाकर, बाजार अभी भी प्रतीक्षा और निगरानी की स्थिति में बना हुआ है तथा वैश्विक मोर्चे पर प्रमुख घटनायें निकट भविष्य की दिशा तय करेंगी।
रुपया नौ पैसे टूटकर 85.68 प्रति डॉलर पर
स्थानीय शेयर बाजारों में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के कारण बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया नौ पैसे टूटकर 85.68 (अस्थायी) पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिकी डॉलर में मामूली सुधार से भी रुपये पर दबाव पड़ा क्योंकि बाजार निवेशक भारत-अमेरिका व्यापार समझौते का इंतजार कर रहे हैं, जिसके लिए बातचीत जारी है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.59 पर खुला। इसने कारोबार के दौरान 85.57 के उच्चस्तर तथा 85.75 के निचले स्तर को छुआ।
अंत में यह 85.68 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से नौ पैसे की गिरावट है। मंगलवार को रुपया 17 पैसे बढ़कर 85.59 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.14 प्रतिशत चढ़कर 96.95 पर पहुंच गया। वायदा कारोबार में वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.92 प्रतिशत बढ़कर 67.73 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘हमें लगता है कि नौ जुलाई की समयसीमा नजदीक आने के साथ ही शुल्क को लेकर अनिश्चितता के कारण रुपये में गिरावट आएगी।
शुल्क के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने वाले बयानों से बाजार में हलचल मची हुई है।’ भारत और अमेरिका के बीच वाशिंगटन में मंगलवार को छठे दिन भी गहन वार्ता जारी रही। वार्ता निर्णायक चरण में पहुंच गई है और भारत ने अपने श्रम-गहन उत्पादों के लिए अधिक बाजार पहुंच की मांग की है।
वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल की अध्यक्षता में भारतीय दल अमेरिका के साथ अंतरिम व्यापार समझौते पर वार्ता के लिए वाशिंगटन में है। दोनों पक्ष नौ जुलाई की समयसीमा से पहले वार्ता को अंतिम रूप देने पर विचार कर रहे हैं। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को शुद्ध आधार पर 890.93 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
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