गुजरात में हुआ बड़ा हादसा, महिसागर नदी पर बना 45 साल पुराना पुल ढहा, 9 की मौत, कई वाहन भी गिरे
गुजरात में एक बड़ा हादसा हो गया है। महिसागर नदी पर बना 45 साल पुराना पुल जो वडोदरा के पादरा और आणंद जिलों को जोड़ने का काम करता है आज सुबह ढह गया। इस वजह से वहां हड़कंप मच गया। जिस वक्त यह घटना हुई उस समय पुल से दो ट्रक, एक बोलेरो और जीप समेत चार वाहन नदी में गिर गए। आपको बता दें की पुल टूटने की वजह से एक टैंकर अभी भी पुल पर लटका हुआ है। इस घटना में अब तक 9 लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि अब तक 4 लोगों को बचा भी जा चुका है। बता दें कि जब यह हादसा हुआ उसी समय मुजपुर समेत आसपास के गांवों के लोग तुरंत ही मौके पर जमा हो गई। इसके साथ ही पादरा पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और राहत और बचाव की कार्रवाई शुरू कर दी।
घटना के बाद सीएम ने तकनीकी विशेषज्ञों को घटनास्थल पर भेजकर मामले के जांच की जिम्मेदारी सौंप दी है। सड़क एवं भवन विभाग के सचिव पीआर पटेलिया ने घटना को लेकर कहा कि हमें गंभीरा पुल के क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली है जिसकी वजह से यह दुर्घटना हुई। विशेषज्ञों की एक टीम को घटनास्थल पर भेजा गया है।
पादरा के पुलिस निरीक्षक विजय चरण ने बताया कि अब तक चार लोगों को बचाया गया है और अभियान अब भी जारी है। अधिकारी ने बताया कि राज्य राजमार्ग के पास महिसागर नदी पर स्थित गंभीरा पुल सुबह करीब साढ़े सात बजे ढह गया। उन्होंने बताया, ‘‘महिसागर नदी पर बने पुल का एक हिस्सा सुबह करीब साढ़े सात बजे ढह जाने से दो ट्रक और दो वैन समेत करीब चार वाहन नदी में गिर गए। हमने अब तक चार लोगों को बचाया है।’’
प्रशासन की टीम ने घटनास्थल पर शुरू किया बचाव कार्य
यह पुल, जिसे पादरा-गंभीरा पुल के नाम से भी जाना जाता है, के ढहने की खबर मिलते ही मुजपुर गांव के निवासी तुरंत राहत और बचाव कार्य के लिए मौके पर पहुंचे। माही नदी में गिरी गाड़ियों से तीन लोगों को सुरक्षित निकाला गया, लेकिन इस हादसे में दो लोगों की जान चली गई। घटना की सूचना तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा को दी गई। प्रशासन की टीमें मौके पर मौजूद हैं और नदी में फंसे वाहनों को निकालने का कार्य शुरू हो चुका है। साथ ही, तैराकों ने भी नदी में खोजबीन शुरू कर दी है।
स्थानीय लोगों ने लगाया लापरवाही का आरोप
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि इस पुराने पुल की मरम्मत के लिए कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन प्रशासन ने इन मांगों को अनसुना कर दिया। लोगों का आरोप है कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिसके चलते यह हादसा हुआ और कई लोग हताहत हुए। उन्होंने बताया कि वडोदरा और आणंद को जोड़ने वाला यह महत्वपूर्ण गंभीरा पुल पिछले कई वर्षों से जर्जर हालत में था और अब भारी वाहनों के आवागमन के लिए पूरी तरह अनुपयुक्त हो चुका था।
