Sawan 2025 : भगवान शिव ही नहीं रामजी की भी होती है पूजा..बरतें ये सावधानियां इस तरह से भोलेनाथ होंगे प्रसन्न

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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Sawan News : सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को विशेष फल मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन में भगवान राम की पूजा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी भगवान शिव की पूजा।

भगवान राम और शिव की पूजा का महत्व : मान्यता है कि भगवान राम की पूजा बिना शिव पूजा के अधूरी रहती है और ऐसे ही शिव पूजा भी श्री राम पूजा के बिना अधूरी मानी गई है। यही कारण है कि रामेश्वरम में शिवलिंग पर जल चढ़ाने मात्र से जातक भगवान शिव का प्रिय बन जाता है। रामेश्वरम को 12 ज्योतिर्लिंगों में सर्वोपरि माना गया है, क्योंकि इस शिवलिंग की स्थापना स्वयं भगवान राम ने की है।

भगवान शिव

श्री रामचरितमानस का पाठ : मान्यता है कि सावन में 30 दिनों तक श्रीरामचरितमानस या वाल्मिकी रामायण का पाठ करने वाले जातक पर भगवान की कृपा बरसती है। मुख्य रूप से दक्षिण भारत में लोग रामायण का पाठ करते हैं। ऐसे में अगर आपको किसी विशेष मनोकामना के साथ रामायण या श्रीरामचरितमानस का पाठ कर रहे हैं तो आपको पहले दिन संकल्प लेना चाहिए। साथ ही रोजाना 1 से 2 घंटे का पाठ करना शुभ माना गया है।

लखनऊ शिव मंदिर

यह है पूजा विधि : ज्योतिषाचार्य विघ्नेश दुबे का कहना है कि सावन में शिवलिंग की पूजा विधि बहुत आसान है, बस सच्चे मन और श्रद्धा से पूजा करना जरूरी है। बताया कि सावन के महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. स्नान के बाद साफ-सुथरे वस्त्र पहनें। अगर आप सोमवार का व्रत रख रहे हैं तो व्रत का संकल्प भी लें। सबसे पहले शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाएं गंगा जल न हो तो साफ पानी भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बाद दूध, शहद, दही, घी और शक्कर से शिवलिंग का अभिषेक करें। इन सभी चीजों को मिलाकर पंचामृत बनता है, जो बहुत शुभ माना जाता है। शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना बहुत ही पुण्यकारी माना जाता है।

ध्यान रखें कि बेलपत्र ताजे हों और उस पर चंद्र (त्रिपत्री) बना हो। बेलपत्र शिव जी को अत्यंत प्रिय है। शिवलिंग पर धतूरा, भांग और आक का फूल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है। यह चीजें भगवान शिव को बहुत पसंद हैं। शिवलिंग पर सफेद फूल, खासकर कनेर, चमेली या मदार के फूल चढ़ाएं. साथ ही फल भी अर्पित करें। शिवलिंग के सामने दीपक और धूप जलाएं. दीपक में गाय का घी या तिल का तेल डाल सकते हैं। शिव जी के मंत्र का जाप करें। सबसे सरल मंत्र है - ‘ॐ नमः शिवाय' इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। आप महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप कर सकते हैं।

सवान

व्रत का पालन करें : पंडित विघ्नेश दुबे "शास्त्री' का कहना है कि पूजा के अंत में शिव जी की आरती करें और भोग लगाएं। भोग में मावे की मिठाई, फल या सूखे मेवे रख सकते हैं। यदि आप व्रत रख रहे हैं तो पूरे दिन फलाहार करें और शिव जी का स्मरण करते रहें।

ये रखें सावधानी : उनका का कहना है कि शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते कभी न चढ़ाएं। पूजा के समय मन में क्रोध, लोभ या किसी के प्रति द्वेष न रखें. बेलपत्र को उल्टा नहीं चढ़ाएं।

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