'बम बम भोले' जयघोष के साथ तीर्थनगरी पंहुचा कांवड़ियों का मेला, श्रावण मास में हरिद्वार का है खास महत्व, शिव को चढ़ता है कांवड़ का जल
हरिद्वार/देहरादून। श्रावण मास शुरू होते ही शुक्रवार को उत्तराखंड की तीर्थ नगरी हरिद्वार में कांवड़ियों का हुजूम उमड़ना शुरू हो गया। बम बम भोले के उद्घोषों के साथ आकर्षक कांवड़ में गंगा जल लेने आने वाले कांवड़ियों का मेला इस बार अदभुत नजर आ रहा है। पुलिस ने पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा सुरक्षा के प्रबंध किए हैं। साथ ही, कांवड़ियों की भीड़ में फर्जी साधु बनकर नशीले पदार्थों की आपूर्ति अथवा सीधे साधे भोले के भक्तों को अपने जाल में फंसाकर, ठगने वालों को ऑपरेशन कालनेमी के तहत पुलिस के जवान खोजते घूम रहे हैं।
आज श्रावण कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से चतुर्दशी तक हर की पैड़ी से गंगा जल लेकर कांवड़िये उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश के नगरों, कस्बों और गांवों के शिवालयों में चढ़ाने के लिए आना शुरू हो गए। हरिद्वार का श्रावण मास में एक खास महत्व है। पुराणों के अनुसार, काल के प्रथम खंड में कनखल के राजा ब्रह्मपुत्र दक्ष को दिया वचन निभाने के लिए भोले भंडारी श्रावण प्रतिपदा यानी आज से कनखल पहुंच गए हैं।
प्रति वर्ष में दो बार हरिद्वार से शिवालयों तक कांवड़ यात्रा निकलती है। फागुन मास की कांवड़ का जल महाशिवरात्रि तथा श्रावण मास की कांवड़ का जल शिव चतुर्दशी को चढ़ाया जाता है। पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने ‘न्यूज़ एजेंसी’ को बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से कांवड़ यात्रा सकुशल आयोजित कराने के लिए लगभग चार हजार पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को 16 सुपर जोन, 37 जोन और 134 सेक्टरों में विभाजित किया गया है।
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