बलरामपुर में इलाज के बहाने... इंसानियत को बेहोश कर दिया गया!"

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Published By Vinay Shukla
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बलरामपुर, अमृत विचार : जिले के गैसड़ी इलाके की रहने वाली एक बेटी (28) दर्द से राहत पाने के लिए अस्पताल पहुँची थी। उसे क्या पता था कि जिस अस्पताल में उसने भरोसे से कदम रखा, वहीं उसकी अस्मिता को नीलाम कर दिया जाएगा। यह कोई फिल्म की कहानी नहीं, बलरामपुर के विमला विक्रम अस्पताल में घटी सच्ची घटना है, जिसने पूरे इलाके को हिला दिया है....

इंजेक्शन लगा... और सबकुछ अंधेरा हो गया!

शुक्रवार की दोपहर थी। महिला को बुखार और कमजोरी महसूस हो रही थी। पति काम पर गया था, इसलिए वह अकेली ही अस्पताल चली गई। डॉक्टर ने कुछ चेकअप के बाद एक कमरे में भेज दिया। वहां मौजूद कर्मचारी योगेश पांडे ने कहा, “आपको इंजेक्शन लगाना पड़ेगा, आराम मिलेगा।”महिला को क्या पता था कि उसकी नींद नहीं, आत्मा को बेहोश किया जा रहा है...

जैसे-तैसे टूटी बेहोशी, पर आंखें नम थीं और आत्मा चिल्ला रही थी

कुछ घंटों बाद, जब आंख खुली, तो बदन में दर्द और मन में भय था। कपड़े अस्त-व्यस्त थे, शरीर थरथरा रहा था और आंखों में वो डर था, जो शब्दों में बयान नहीं होता। वो किसी तरह अस्पताल से निकली और सीधे पुलिस के पास गई। जहां उसने आपबीती सुनाई। आनन-फानन पुलिस ने आरोपित कर्मचारी योगेश पांडे के खिलाफ सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया।  एसपी विकास कुमार ने तुरंत टीम गठित की। जांच में पाया गया कि आरोपी कर्मचारी ने जानबूझकर महिला को बेहोशी का टीका दिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। योगेश पांडे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। 

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