Sharadiya Navratri 2025: मां सिद्धिदात्री की पूजा से मिलती हैं आठों सिद्धियां, घरों से लेकर मंदिरों तक गूंजा जय माता दी का उद्घोष

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचारः नवरात्र के नौवें दिन मां दुर्गा के नवम स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। यह दिन आध्यात्मिक ऊर्जा और सिद्धियों की प्राप्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। देवी सिद्धिदात्री को ज्ञान, सफलता, आरोग्य और मोक्ष की दात्री माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने भी इन्हीं की आराधना कर सभी सिद्धियाँ प्राप्त की थीं, जिसके फलस्वरूप उन्हें अर्धनारीश्वर रूप में पूजा गया।

मां सिद्धिदात्री का स्वरूप और प्रतीक

नाम का अर्थ: ''सिद्धि'' का अर्थ है अलौकिक शक्ति या आध्यात्मिक उपलब्धि, और ''दात्री'' का अर्थ है दान देने वाली। माता की चार भुजाएं हैं, जिनमें वे शंख, चक्र, गदा और कमल धारण करती हैं। मां कमल पुष्प पर विराजमान होती हैं, जो अध्यात्म और शांति का प्रतीक है। उनकी सवारी सिंह है, जो शक्ति और साहस का प्रतीक है।

पौराणिक मान्यता और धार्मिक महत्व

आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि मान्यता है कि मां पार्वती ने भगवान शिव को अपनी शक्ति प्रदान की, जिससे शिव आधे पुरुष और आधे स्त्री रूप में परिवर्तित हुए। यह स्वरूप अर्धनारीश्वर कहलाया। इसी कारण माता को ‘सिद्धिदात्री’ कहा गया। भक्तों को उनकी आराधना से अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व ये आठ सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।

पूजा विधि और परंपराएं

मां सिद्धिदात्री को हलवा-पूड़ी, काला चना, खीर और नारियल का भोग अर्पित किया जाता है। नवरात्रि के अंतिम दिन नव कन्याओं की पूजा का विशेष महत्व होता है। नौ कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर भोजन कराना, पूजन करना और उपहार देना शुभ माना जाता है। इस दिन भक्त मां से ज्ञान, विवेक, सुख, समृद्धि और मोक्ष की कामना करते हैं। मां सिद्धिदात्री की पूजा के साथ ही नवरात्रि का विधिवत समापन होता है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत, आत्मशुद्धि और देवी के नौ स्वरूपों की आराधना की पूर्णता का प्रतीक माना जाता है।

भक्तों ने मां महागौरी से लिया आशीर्वाद

शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन श्रद्धालुओं ने मां महागौरी की विधिवत पूजा-अर्चना कर हवन के माध्यम से आशीर्वाद प्राप्त किया। शहर में जगह-जगह मंदिरों और घरों में भक्तों ने मां के चरणों में आहुति अर्पित की। श्रद्धा और भक्ति से परिपूर्ण माहौल में भक्तों ने मां से अपने परिवार की सुख-समृद्धि और मंगल की कामना की।

बिरहाना स्थित मां भुय्यन देवी मंदिर में हवन का आयोजन किया गया। मंदिर समिति द्वारा आयोजित इस पावन कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और सामूहिक हवन में आहुति देकर मां महागौरी से आशीर्वाद मांगा। मंदिर परिसर को आकर्षक फूलों और लाइटिंग से सजाया गया था, जिससे पूरे वातावरण में दिव्यता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा था।

मेले में झूलों का बच्चों ने उठाया आनंद

नवरात्र के पावन अवसर पर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। पूजा-अर्चना के बाद चौक बड़ी काली जी मंदिर के बाहर लगे झूलों और दुकानों का बच्चों ने खूब आनंद लिया। श्रद्धालुओं ने बताया कि नवरात्र के ये दिन आत्मशुद्धि और ईश्वरीय कृपा प्राप्त करने का विशेष अवसर होते हैं। मां महागौरी की पूजा से जीवन में शांति, सुख और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। मंदिरों में माता रानी के जयकारों और ढोल-नगाड़ों की धुन से वातावरण भक्तिमय बना रहा।

शारदीय नवरात्रि पर किया कन्या पूजन व भोज

बाल विकास विभाग व महिला कल्याण विभाग ने शारदीय नवरात्रि की अष्टमी पर मंगलवार को क्षेत्रीय ग्रामीण विकास संस्थान डाभासेमर में कन्या पूजन और भोज के साथ मिशन शक्ति के तहत विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया। शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने दीप प्रज्जवलित कर किया।

छह माह पूर्ण कर चुके बच्चों को अन्नप्राशन कराया, 11 गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की गई, 101 कन्याओं का कन्या पूजन और भोज किया गया। कार्यक्रम में विधायक राम चन्द्र यादव, डीएम निखिल टीं. फुंडे, एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर, सीडीओ केके सिंह, डीपीओ एके त्रिपाठी और जिला प्रोबेशन अधिकारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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