Nora Fatehi: आसान नहीं था पांच हजार से दो करोड़ तक का नोरा का सफर
हमेशा सुर्खियों में रहने वाली ग्लैमर क्वीन नोरा फतेही आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। बॉलीवुड से लेकर साउथ फिल्मों तक, हर जगह उनके डांस मूव्स और स्टाइल ने लोगों को दीवाना बना दिया है, लेकिन जिस मुकाम पर आज नोरा हैं, वहां तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं था। उन्हें यह सफलता रातों-रात नहीं मिली, बल्कि इसके पीछे छिपा है वर्षों का संघर्ष, आत्मविश्वास और हार न मानने का जज्बा। आइए जानते हैं कि नोरा फतेही ने स्ट्रगल के दिनों में क्या सहा है।
कनाडा की गलियों से मुंबई की चमक तक
नोरा फतेही का जन्म कनाडा में हुआ था। वह बचपन से ही फिल्मों और डांस की दीवानी थीं। जब उनके दोस्तों के सपने बिज़नेस या जॉब तक सीमित थे, नोरा के मन में सिर्फ एक ख्वाब था- फिल्मों की दुनिया में पहचान बनाना। उन्होंने तय किया कि चाहे रास्ता कितना भी कठिन क्यों न हो, वो अपनी मंजिल तक जरूर पहुंचेंगी। यही जज्बा उन्हें कनाडा से भारत खींच लाया। सोचिए, एक 22 साल की लड़की, जिसके पास सिर्फ 5000 रुपये थे, जो न भाषा जानती थी, न यहां कोई पहचान, उसने जब मुंबई की धरती पर कदम रखा, तो यह सफर कितना कठिन रहा होगा।
संघर्ष के दिन
नोरा बताती हैं कि शुरुआती दिनों में उनका जीवन बेहद कठिन था। उन्होंने बताया कि “जब मैं भारत आई, मेरे पास सिर्फ 5000 रुपये थे। मैं और नौ लोग एक 3 बीएचके फ्लैट में रहते थे। दो लड़कियों के साथ एक छोटा-सा कमरा शेयर करती थी। उस वक्त सोचती थी- हे भगवान, मैं यहां क्यों आई?” यह वो दौर था जब न उन्हें स्थायी काम मिल रहा था, न कोई गाइड करने वाला था। कई बार ठगी हुई, कई बार गलत लोगों पर भरोसा करने से निराशा हाथ लगी, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
पहला कदम: ‘रोर’ से शुरुआत
नोरा ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 2014 में फिल्म ‘रोर: टाइगर्स ऑफ द सुंदरबन्स’ से की। हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा नहीं चली, लेकिन इससे उन्हें इंडस्ट्री में एक पहचान मिली। इसके बाद उन्होंने साउथ फिल्मों की ओर रुख किया, जहां उनके डांस ने सबका ध्यान खींचा। प्रभास स्टारर फिल्म ‘बाहुबली: द बिगिनिंग’ में उनका डांस सीक्वेंस यादगार साबित हुआ। नोरा की मेहनत रंग लाने लगी थी। उन्होंने धीरे-धीरे अपने कदम मजबूत किए और ‘दिलबर’, ‘कमरिया’, ‘साकी-साकी’ और ‘गर्मी’ जैसे सुपरहिट गानों के ज़रिए डांसिंग क्वीन बन गईं।
कभी निराश मत होना
नोरा ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहती हैं कि कई बार उन्हें मानसिक रूप से बहुत झटका लगा। “जब मैं मुंबई आई थी, तब मैं बहुत भोली थी। जो भी मुझे काम का वादा करता, मैं समझती थी कि उसे भगवान ने मेरे लिए भेजा है, लेकिन कई बार लोग मुझे इस्तेमाल करना चाहते थे। उस दौर में मैं डिप्रेशन में चली गई थी और मुझे थेरेपी लेनी पड़ी।” फिर भी उन्होंने खुद को टूटने नहीं दिया। उन्होंने खुद से वादा किया कि वह हमेशा पॉजिटिव रहेंगी और अपनी मेहनत से लोगों को जवाब देंगी।
सपनों की कीमत
आज नोरा फतेही बॉलीवुड की सबसे लोकप्रिय डांसर और एक्ट्रेस में शुमार हैं। उनकी गिनती उन सितारों में होती है, जो एक परफॉर्मेंस के लिए 2 करोड़ रुपये तक चार्ज करती हैं। उन्होंने सलमान खान और कटरीना कैफ की फिल्म ‘भारत’, वरुण धवन की ‘स्ट्रीट डांसर 3D’ और जॉन अब्राहम की ‘बाटला हाउस’ जैसी फिल्मों में अपने परफॉर्मेंस से दर्शकों का दिल जीत लिया है। नोरा सिर्फ डांस नहीं करतीं, बल्कि अपनी परफॉर्मेंस में एनर्जी, ग्रेस और स्टाइल का ऐसा संगम लाती हैं, जो उन्हें दूसरों से अलग बनाता है।
आसान नहीं था खुद की पहचान बनाना
नोरा का कहना है कि “इंडियन एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में विदेशी चेहरे को स्वीकार करना आसान नहीं था। जब मैं यहां आई थी, लोग मुझे सीरियसली नहीं लेते थे। कई बार मुझे सिर्फ ग्लैमर के लिए कास्ट किया गया, लेकिन मैंने दिखाया कि मैं सिर्फ खूबसूरत नहीं, टैलेंटेड भी हूं।” नोरा आज इस मुकाम पर हैं, जहां लोग उन्हें सिर्फ एक डांसर नहीं, बल्कि एक मेहनती और समर्पित आर्टिस्ट के रूप में पहचानते हैं। नोरा फतेही ने अपने संघर्ष और मेहनत से जो मुकाम पाया है, वह किसी प्रेरणा से कम नहीं। उन्होंने साबित किया कि असली सफलता वही है, जो कठिनाइयों से होकर निकलती है। आज वह न केवल एक सफल परफॉर्मर हैं, बल्कि एक ऐसी शख्सियत भी हैं, जो युवाओं को यह संदेश देती हैं कि “खुद पर भरोसा रखो, क्योंकि अगर तुम खुद पर विश्वास करोगे, तो पूरी दुनिया तुम्हारे साथ खड़ी होगी।”
