UP News: महीन सुराख से हो सकेगा सिर व रीढ़ से जुड़ी बीमारियों का इलाज, केजीएमयू के न्यूरो सर्जरी विभाग में हाईब्रिड ऑपरेशन थिएटर

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Published By Muskan Dixit
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विभाग के 31 वें स्थापना दिवस पर दी गई जानकारी

लखनऊ, अमृत विचार : किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में सिर व रीढ़ से जुड़ी बीमारियों का इलाज सिर्फ एक महीन सुराख से किया जा सकेगा। इसके लिए विभाग में हाईब्रिड ऑपरेशन थिएटर बनाया जा रहा है। ये जानकारी केजीएमयू न्यूरो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. बीके ओझा ने दी। वह शनिवार को विभाग के 31 वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।

केजीएमयू के शताब्दी भवन-2 के प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह में विभागाध्यक्ष डॉ. बीके ओझा ने कहा कि न्यूरो इंटरवेंशन से सिर व रीढ़ की हड्डी की बीमारियों का इलाज बिना बड़े ऑपरेशन के संभव है। स्ट्रोक, ब्रेन एन्यूरिज्म, रीढ़ की हड्डी में जगह की कमी के कारण होने वाली स्थिति का इलाज किया जा सकेगा। पीठ, गर्दन और रीढ़ की हड्डी में दर्द व मिर्गी के कुछ मामलों में भी न्यूरो इंटरवेंशन से इलाज किया जा सकता हैं। मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के ट्यूमर को हटाने में भी इनवेसिव तकनीकों के माध्यम से ट्यूमर को हटाया जा सकेगा।

ऐसे किया जा सकेगा इलाज

डॉ. बीके ओझा के मुताबिक इसमें कैथेटर का उपयोग किया जाता है। एक छोटा और लचीला कैथेटर महीन सुराख के माध्यम से रक्त वाहिकाओं में डाला जाता है। इस कैथेटर को मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी तक पहुंचाया जाता है। स्ट्रोक के मामलों में रक्त के थक्कों को हटाया जाता है। ब्रेन एन्यूरिज्म में दिमाग की रक्त वाहिकाओं में गुब्बारे जैसे उभारों को ठीक किया जा सकता है। उसे फटने से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि न्यूरो इंटरवेंशन एक आधुनिक तकनीक है। जिसका उपयोग दिमाग, रीढ़ और नसों से जुड़ी कई जटिल समस्याओं के प्रभावी इलाज में किया जा सकता है। यह पारंपरिक सर्जरी की तुलना में अक्सर कम जोखिम भरा होता है। मरीज के तेजी से रिकवर होने की उम्मीद बढ़ाता है।

एक साल में हुई साढ़े तीन हजार ब्रेन सर्जरी

कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि न्यूरो सर्जरी विभाग में बहुत अच्छा काम कर रहा है। विभाग को आधुनिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है। हाईब्रिड ऑपरेशन थिएटर स्थापित किया जा रहा है। विभाग में आठ डॉक्टर हैं। विभाग में कुल 112 बेड हैं। जिसमें 55 बेड ट्रॉमा में है। 30 हजार मरीज प्रति वर्ष ओपीडी में देखे जा रहे हैं। साढ़े तीन हजार मरीज एक साल में भर्ती किए गए। जबकि इतने ही मरीजों की सर्जरी की गई है। उन्होंने बताया कि विभाग गंभीर मरीजों की जान बचाने में अहम भूमिका अदा कर रहा है। न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ. अंकुर बजाज ने कहा कि सिर की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। ब्रेन ट्यूमर के गंभीर मरीज विभाग में आ रहे हैं। इनमें 60 प्रतिशत मरीजों का ऑपरेशन इमरजेंसी में किया जा रहा है। कार्यक्रम में सर्जरी विभाग के डॉ. केके सिंह, न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ. अवधेश यादव, न्यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. राजेश वर्मा समेत अन्य डॉक्टर-कर्मचारी मौजूद रहे।

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