रोचक किस्सा : मिसाइल मैन ऑफ इंडिया
डॉ. अब्दुल कलाम, जिन्हें प्यार से “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” कहा जाता है, न केवल एक महान वैज्ञानिक थे, बल्कि एक सच्चे प्रेरक व्यक्तित्व भी थे। एक बार जब कलाम इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) में कार्य कर रहे थे, उस समय एक रॉकेट प्रोजेक्ट पर उनका नेतृत्व था।
लॉन्च की तैयारी के दौरान कुछ तकनीकी त्रुटि हो गई और रॉकेट असफल हो गया। यह विफलता पूरी टीम के लिए बहुत बड़ी निराशा थी, लेकिन उस समय ISRO के अध्यक्ष डॉ. सतीश धवन ने असफलता की पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली और मीडिया के सामने कहा, “यह मेरी गलती थी।”
जबकि वास्तव में प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी डॉ. कलाम के पास थी। उन्होंने अपने वरिष्ठ की यह विनम्रता और नेतृत्व देखकर बहुत कुछ सीखा। एक वर्ष बाद जब अगला रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्च हुआ, तब सतीश धवन ने कहा- “अब मीडिया से सफलता की बात तुम करोगे।”
यह बात डॉ. कलाम के जीवन में गहराई से बस गई। उन्होंने बाद में कहा कि “असफलता में नेता आगे होता है और सफलता में वह अपनी टीम को आगे रखता है।” यह घटना उनके नेतृत्व, विनम्रता और मानवीय दृष्टिकोण का प्रतीक है। आगे चलकर उन्होंने भारत को मिसाइल तकनीक, अंतरिक्ष विज्ञान और रक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।डॉ. कलाम का यह किस्सा हमें सिखाता है कि असली महानता केवल सफलता में नहीं, बल्कि दूसरों को सम्मान और अवसर देने में होती है।
