NEET Scam: जालसाज ने बांटी थी 70 से अधिक डीपीएस स्कूलों की फ्रेंचाइजी, साझेदार की तलाश में दबिश दे रही पुलिस
दो पुलिस टीमें कर रही स्कूलों से संपर्क, रुपये के विवाद में साझीदार से भी खराब हो गया था रिश्ता
लखनऊ, अमृत विचार: नीट में पास कराने के नाम करोड़ों की ठगी करने वाले जालसाज ने दिल्ली पब्लिक स्कूल जूनियर की 70 से अधिक फ्रेंचाइजी बांट दी थी। इसके नाम पर करोड़ों रुपये ठगे थे। इसमें उसका साझीदार मदद करता था, लेकिन रुपये के विवाद में दोनों के रिश्ते खराब हो गए। डीसीपी क्राइम कमलेश दीक्षित के मुताबिक प्रेम प्रकाश के साझीदार की तलाश में टीमें लगी हैं। उसके पकड़े जाने पर कई और राज सामने आयेंगे।
डीसीपी क्राइम के मुताबिक अभिनव शर्मा उर्फ प्रेम प्रकाश विद्यार्थी नीट से परीक्षार्थियों को दाखिला दिलाने के साथ डीपीएस जूनियर की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर भी स्कूल मालिकों को फंसाता था। कई महीनों में अभिनव ने पार्टनर की मदद से 70 से ज्यादा स्कूलों को डीपीएस जूनियर की फ्रेंचाइजी बांट दी थी। एक फ्रेंचाइजी देने के नाम पर 4-5 लाख रुपये वसूलता था। पूछताछ में अभिनव ने बताया कि साझीदार से उसका रुपये को लेकर विवाद हुआ। इसके बाद दोनों के रिश्ते खराब हो गये। किन लोगों को स्कूल की फ्रेंचाइजी दी है, उनका नाम नहीं पता है। इसकी पूरी डिटेल साझीदार के पास है। साझीदार की तलाश में दो टीमों को लगाया गया है। उसके पकड़े जाने पर साफ होगा कि फ्रेंचाइजी किस आधार पर बांटते थे। साथ ही अभिनव के साथ काम करने वालों की तलाश में लगातार सर्विलांस टीम काम कर रही है और जो भी शिकायतें ठगी की आ रही हैं, उनकी भी विवेचना साथ में ही की जा रही है।
तीन खातों का खुलासा, जुटा रहे डिटेल
डीसीपी क्राइम कमलेश दीक्षित के मुताबिक अभिनव तीन लोगों के नाम पर खाते चलाता था। जिनमें वह ठगी की रकम मंगाता था। उन खातों की डिटेल बैंक से मांगी गई है। उससे यह पता चल सकेगा कि किन-किन स्कूलों से फ्रेंचाइजी की रकम उन खातों में आती थी। उस आधार पर स्कूलों के बारे में जानकारी मिल सकेगी। यही नहीं खाता धाराकों के पते पर एक टीम लगाया गया है, अगर वह मिलते हैं, तो उनको दबोचा जाएगा। अभिनव ठगी से आने वाली रकम से क्रिप्टो करेंसी भी खरीदता था। फिर उन्हें बेचकर अलग-अलग तरह से खातों में मंगवाता था, जिससे उस रकम से संपत्ति या जेवरात खरीद सके। संपत्ति का ब्योरा जुटाने के लिए बिहार व अन्य जिलों से संपर्क किया गया है।
इस तरह करता था ठगी
वर्ष 2025 के मई से जून महीने के बीच गिरोह सक्रिय हुआ था। उसने स्टडीपाथ-वे के नाम से विभूतिखंड स्थित निजी परिसर में आफिस खोला था। इसके बाद जालसाजों ने नीट परीक्षा में कम नंबर लाने वाले बच्चों का डेटा निकाला, फिर उनसे संपर्क कर मेडिकल कालेज में दाखिला दिलाने का झांसा देकर फंसाया। साथ ही परीक्षा पास करवाने के नाम पर वेबसाइट बनाकर भी लोगों को फंसाया था।
