छह साल बाद हाथी सफारी की वापसी: ढिकाला और बिजरानी जोन में रोमांचक सैर, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने लगायी थी रोक 

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Published By Anjali Singh
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रामनगर।  प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में लगभग छह साल बाद एक बार फिर हाथी सफारी शुरू होने जा रही है। नवंबर के आखिरी सप्ताह में चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन, देहरादून द्वारा अनुमति आदेश जारी होने के बाद कॉर्बेट प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसी हफ्ते से पर्यटक हाथियों के माध्यम से जंगल की रोमांचक सैर कर सकेंगे। जानकारी के मुताबिक हाथी सफारी ढिकाला और बिजरानी, दोनों प्रमुख जोन में शुरू की जाएगी। 

ढिकाला जोन में दो हाथियाँ - आशा,अलबेली और रानी - सफारी के लिए तैनात की गई हैं। पर्यटकों के लिए दो रूट तय किए गए हैं, जिन पर सफर करते हुए वे रामगंगा नदी किनारे के खूबसूरत नज़ारों, घने जंगलों, विशाल घास के मैदानों और विभिन्न वन्यजीवों का बेहद नज़दीकी अनुभव ले पाएंगे। ढिकाला जोन पहले से ही कॉर्बेट का सबसे आकर्षक क्षेत्र माना जाता है, ऐसे में हाथी सफारी यहां पर्यटन को और रोमांचक बनाएगी। बिजरानी जोन में एक हाथी के माध्यम से दो रूटों पर सफारी कराई जाएगी। 

इस दो घंटे की यात्रा में पर्यटक जंगल की प्राकृतिक सुंदरता, वन्यजीवों की गतिविधियों और असली जंगल जीवन को बेहद करीब से महसूस कर सकेंगे।भारतीय पर्यटकों के लिए हाथी सफारी का शुल्क एक हजार प्रति व्यक्ति रखा गया है, जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए तीन हजार प्रति व्यक्ति। एक हाथी पर अधिकतम पाँच लोग (बच्चों सहित) बैठ सकते हैं और सफारी की अवधि दो घंटे निर्धारित की गई है। 

वर्ष 2018 में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत पार्क में हाथियों के व्यावसायिक उपयोग पर रोक लगाते हुए हाथी सफारी बंद करने का आदेश दिया था। तब से लगातार स्थानीय पर्यटन व्यवसायियों, गाइडों, महावतों और वन्यजीव प्रेमियों की ओर से इसे पुनः शुरू करने की मांग उठती रही थी। अब अनुमति मिलने के बाद उम्मीद है कि हाथी सफारी कॉर्बेट पर्यटन को नई रफ्तार देगी और पर्यटकों को एक बार फिर जंगल का असली रोमांच महसूस करा सकेगी। 

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