Moradabad: श्रम विभाग की बिल्डिंग पर चढ़कर मजदूर ने दी आत्महत्या की धमकी
मुरादाबाद, अमृत विचार। श्रम प्रवर्तन अधिकारी पर रिश्वत मांगने व न देने पर आवेदन निरस्त करने का आरोप लगाकर एक मजदूर गुरुवार को श्रम विभाग की बिल्डिंग पर चढ़ गया और आत्महत्या की धमकी देने लगा, जिससे परिसर में अफरा-तफरी मच गई। मजदूर को उतारने के लिए फायर ब्रिगेड कर्मियों के अलावा सिविल लाइन थाने की पुलिस भी पहुंची। पुलिस को देखकर वह छत से कूदने की धमकी देने लगा। किसी तरह उपायुक्त श्रम ने उसे समझाकर शांत करते हुए उतारा। आरोपों की जांच कराने का आश्वासन दिया।
जिला पंचायत कार्यालय परिसर में बने श्रम विभाग कार्यालय की छत पर चढ़कर कूदने की धमकी देने वाले लोकेश पुत्र हरस्वरूप, निवासी सहडोली तहसील कांठ का कहना था कि उसने 18 जनवरी 2022 में श्रमिक के रुप में पंजीकरण कराने के बाद विभाग द्वारा संचालित मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना के अन्तर्गत 3 अगस्त 2025 को ऑनलाइन आवेदन किया था। गुरुवार को वह श्रम विभाग के कार्यालय पहुंचा और क्षेत्रीय श्रम प्रवर्तन अधिकारी से मिला। श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान मजदूर के भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार निर्माण श्रमिक होने की पुष्टि नहीं हुई है,जिस पर आवेदन निरस्त हो गया है।
इस पर वह भड़क उठा और छत पर चढ़ गया। कूद कर आत्महत्या की चेतावनी देने लगा। उसने रिश्वत न देने पर उसका आवेदन निरस्त करने का आरोप श्रम प्रवर्तन अधिकारी पर लगाया। शोर सुनकर उपश्रमायुक्त दीप्तिमान भट्ट ने छत पर पहुंचकर उससे बातचीत की। इस बीच जिलाधिकारी के संज्ञान में मामला आने पर उन्होंने अग्निशमन अधिकारी ज्ञान प्रकाश शर्मा को मौके पर जाने का निर्देश दिया। लेकिन फायर ब्रिगेड की गाड़ी देखकर लोकेश कूदने की धमकी देने लगा। हालांकि समझाने के बाद उप श्रमायुक्त ने उसकी शिकायत और आवेदन की दोबारा जांच कराने का आश्वासन दिया। बात के दौरान ही पीछे से पहुंचे फायर ब्रिगेड के कर्मियों ने उसे पकड़ लिया और नीचे ले आए।
ब्लेकमेल करने को लगा रहा रिश्वत मांगने का आरोप
उप श्रमायुक्त दीप्तिमान भट्ट ने बताया कि युवक द्वारा आत्महत्या की धमकी देने के पीछे उसका यह दबाव था कि उसे योजना में पात्र घोषित कर लाभ दिया जाए। उसके आवेदन की जांच के दौरान जांच अधिकारी ने पाया था कि लोकेश ने खुद को खेती करने वाला किसान बताया था, जिसके आधार पर उसका आवेदन अपात्र होने के कारण निरस्त किया गया था। इसने गंभीर बीमारी सहायता योजना में भी आवेदन किया था। जांच में उसके द्वारा मेडिकल से संबंधित दस्तावेज फर्जी लगाने के कारण आवेदन निरस्त हो चुका है। इन सबके बाद वह कार्यालय की छत पर चढ़कर ब्लैकमेल करने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगा रहा है। उसकी संतुष्टि के लिए आरोप की जांच कराएंगे। उसके आवेदन की दोबारा जांच का भी निर्देश दिया है।
