IND VS SA 3rd ODI: रोहित-कोहली पर टिकी सारी नजरें, सीरीज अपने-अपने नाम करने को बेताब भारत और SA
विशाखापट्टनमः विशाखापट्टनम के डॉ. वाई.एस. राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में शनिवार को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज का फैसला होगा। 1-1 से बराबरी पर अटकी यह सीरीज दांव पर लगी है, जहां भारत टेस्ट सीरीज की हार के बाद कुल सफाई देना चाहेगा। दबाव में फंसी भारतीय टीम की एकमात्र प्राथमिकता सीरीज पर कब्जा करना और लगातार उठ रही आलोचनाओं को विराम देना है। मैच दोपहर 1:30 बजे शुरू होगा, जबकि टॉस 1 बजे होने की उम्मीद है। मौसम साफ रहने का अनुमान है, तापमान 28°C तक पहुंच सकता है, लेकिन शाम को ड्यू का असर चेजिंग को आसान बना सकता है।
रोहित-कोहली पर टिकी नजरें
भारतीय अभियान के केंद्र में कप्तान रोहित शर्मा और सीनियर विराट कोहली ही हैं, जिनका अनुभव इस दबावपूर्ण जंग में सबसे बड़ा हथियार साबित हो सकता है। हालिया मुकाबलों में कोहली ने तीन पारियों में दो दोहरे शतक और एक अर्धशतकीय पारी खेली, जो उनकी फॉर्म का प्रमाण है। वहीं, रोहित ने चार पारियों में एक सेंचुरी और दो फिफ्टीज के साथ बल्ले से आग उगली है। ऐसे क्रूसियल मुकाबले में इन दिग्गजों से फिर वही 'बिग मैच टेंपरामेंट' की दरकार है, जो टीम को लक्ष्य तक ले जाए। 1986-87 के बाद भारत घरेलू सरजमीं पर किसी सीरीज में टेस्ट और ODI दोनों न हार पाए, यही दांव पर है।
युवाओं पर बोझ: जायसवाल की कमजोरी बनेगी चुनौती
ऋतुराज गायकवाड़ ने पिछले मुकाबले में शानदार शतक ठोककर मध्यक्रम को संभाला, लेकिन युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल अभी भी फॉर्म की तलाश में हैं। खासकर लेफ्ट-आर्म पेसर्स के खिलाफ उनकी भेदभावपूर्ण कमजोरी चिंता का विषय है – अब तक 30 बार ऐसे गेंदबाजों ने उन्हें पवेलियन भेजा है। वेस्टइंडीज के जेडन सील्स से शुरू हुई यह कसरत अब SA के मार्को जानसेन और नंद्रे बर्गर के सामने परीक्षा बनेगी। अगर यहां भी असफल रहे, तो टीम मैनेजमेंट गायकवाड़ को ओपनिंग शिफ्ट करने पर सोच सकता है। कुल मिलाकर, युवा बल्लेबाजों को सीनियर्स का साथ देकर दबाव संभालना होगा।
बल्लेबाजों का स्वर्ग, टॉस का राजा
यह मैदान बल्लेबाजी के लिए जन्नत सरीखा है, जहां समान उछाल और गति स्ट्रोक प्लेयर्स को खुला खेलने का मौका देती है। भारत ने यहां 10 ODI में से 7 जीते हैं, हालांकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछली हार याद दिलाती है। ड्यू का जादू यहां चेज को फेवर करता है, और 34वें ओवर से एक ही गेंद के नियम ने इसे और रोमांचक बना दिया है। दिलचस्प यह कि भारत पिछले 20 ODI टॉस हार चुका है – रायपुर में इसका खामियाजा भुगता। अगर टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला हुआ, तो SA को फायदा हो सकता है। प्रतिस्पर्धी स्कोर 270+ माना जा रहा है, जो बाद में स्पिनरों को मदद देगी।
टीम में हलचल: तिलक या पंत, कौन लेगा जगह?
भारत अपनी XI में छोटा-मोटा बदलाव कर सकता है। वॉशिंगटन सुंदर को रेस्ट देकर तिलक वर्मा को मौका मिलना तय लग रहा है, जो मिडल ऑर्डर को स्थिरता के साथ स्पिन गेंदबाजी और शानदार फील्डिंग का तोहफा देंगे। ऋषभ पंत भी दौड़ में हैं, लेकिन बैलेंस के लिहाज से तिलक आगे हैं। गंभीर बदलाव से परहेज करते हुए कोचिंग स्टाफ प्रसिद्ध कृष्णा पर भरोसा जता सकता है।
गेंदबाजी इकाई की जिम्मेदारी: ब्रेकथ्रू का इंतजार
अर्शदीप सिंह ने नई गेंद से कमाल दिखाया है, लेकिन प्रसिद्ध कृष्णा और हर्षित राणा को लय वापस लानी होगी। कृष्णा पिछले मैच में महंगे साबित हुए, ऐसे में नीतीश कुमार रेड्डी जैसे ऑलराउंडर को आजमाया जा सकता है। हर्षित को डेथ ओवर्स में कंट्रोल सुधारना होगा। कुलदीप यादव स्पिन विभाग में कुंजी होंगे, खासकर पिच के धीमे पड़ने पर।
दक्षिण अफ्रीका: चोटों की छाया में इतिहास की दस्तक
SA भी ODI सीरीज पर कब्जे के लिए आंखें तरेर रही है, जो टेस्ट जीत के बाद दुर्लभ 'डबल' होगा। लेकिन नंद्रे बर्गर और टोनी डी जॉर्जी की चोटें चिंता बढ़ा रही हैं – दोनों दूसरे ODI में प्रभावित हुए, और उनकी उपलब्धता संदिग्ध है। कप्तान तेम्बा बावुमा को मिडल ऑर्डर में स्थिरता देनी होगी, जबकि एडेन मार्करम की चेज मास्टरी याद रहेगी।
संभावित प्लेइंग XI
भारत: यशस्वी जायसवाल, रोहित शर्मा, विराट कोहली, ऋतुराज गायकवाड़, केएल राहुल (कप्तान और विकेटकीपर), तिलक वर्मा, रवींद्र जडेजा, हर्षित राणा, कुलदीप यादव, अर्शदीप सिंह, प्रसिद्ध कृष्णा।
(स्क्वाड: ध्रुव जुरेल, वॉशिंगटन सुंदर, नीतीश कुमार रेड्डी, ऋषभ पंत।)
दक्षिण अफ्रीका: एडेन मार्करम, क्विंटन डिकॉक (विकेटकीपर), तेम्बा बावुमा (कप्तान), मैथ्यू ब्रिट्जके, रेयान रिकल्टन, डेवाल्ड ब्रेविस, मार्को जानसेन, कॉर्बिन बोश, केशव महाराज, लुंगी एनगिडी, ओटनेल।
(स्क्वाड: नंद्रे बर्गर, टोनी डी जॉर्जी, रुबेन हरमन, प्रेनेलन सुब्रायन।)
यह मुकाबला न सिर्फ सीरीज का फैसला करेगा, बल्कि दोनों टीमों के भविष्य की दिशा भी तय करेगा। भारत के लिए जीत आलोचनाओं को खामोश करने का जरिया बनेगी, जबकि SA के लिए यह ऐतिहासिक मील का पत्थर।
