Junior Men's Hockey World Cup: सात बार से चैंपियन जर्मनी से बदला लेने का मौका... सेमीफाइनल में भिड़ेगी भारतीय जूनियर्स की ‘नई दीवार’
चेन्नई। बेल्जियम को शूटआउट में हराकर जूनियर हॉकी विश्व कप सेमीफाइनल में पहुंची भारतीय टीम को मौजूदा और सात बार की चैम्पियन जर्मनी के खिलाफ रविवार को होने वाले मुकाबले में पिछली गलतियों से सबक लेकर उतरना होगा।
मेयर राधाकृष्णन स्टेडियम पर शुक्रवार को खेले गए क्वार्टर फाइनल में 45 मिनट तक एक गोल से पिछड़ने के बाद भारत ने तीन मिनट में दो गोल करके बढत बना ली थी लेकिन 59वें मिनट में बेल्जियम ने गोल करके मैच को शूटआउट में खींच दिया जिसमे गोलकीपर प्रिंस दीप सिंह के उम्दा प्रदर्शन से मेजबान टीम ने 4-3 से जीत दर्ज की। पिछली उपविजेता फ्रांस को शूटआउट में हराकर अंतिम चार में पहुंची जर्मनी के खिलाफ इस तरह की कोई भी चूक भारी पड़ सकती है और मुख्य कोच पी आर श्रीजेश ने भी स्वीकार किया कि प्रदर्शन में सुधार करना होगा।
श्रीजेश ने मैच के बाद कहा,‘‘ नॉकआउट मैचों में इस तरह की गलतियां नहीं कर सकते।सबसे पहले तो गोल करने के मौके बर्बाद करने से बचना होगा और आखिरी क्षणों में गोल गंवाने की गलती से पार पाना होगा।हम खिताब से दो जीत दूर हैं और खिलाड़ियों को बखूबी पता है कि यह खिताब जीतना उनके लिये कितना जरूरी है।’’ पिछली बार 2023 में कुआलालम्पुर में हुए जूनियर विश्व कप में जर्मनी के खिलाफ ही सेमीफाइनल में भारत को 1-4 से पराजय झेलनी पड़ी थी जब वह दर्जन भर पेनल्टी कॉर्नर में से एक पर भी गोल नहीं हो सका था। दूसरी ओर जर्मनी ने दोनों पेनल्टी कॉर्नर तब्दील किये थे। कांस्य पदक के मुकाबले में स्पेन से 1-3 से हारकर भारत चौथे स्थान पर रहा था।
इस बार राउंड रॉबिन चरण में चिली, ओमान और स्विटजरलैंड के खिलाफ भारत ने एक भी गोल नहीं गंवाते हुए सबसे ज्यादा 29 गोल दागे थे। क्वार्टर फाइनल से पहले तक गोलकीपर और डिफेंस को कोई चुनौती नहीं मिली थी और बेल्जियम के खिलाफ 13वें मिनट में भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट का पहला गोल गंवाया।गोलकीपर प्रिंस दीप ने अपने गुरू श्रीजेश की झलक दिखाते हुए शूटआउट में बेहतरीन गोल बचाये जबकि शारदानंद तिवारी ने तीन गोल किये।भारत ने हालांकि निर्धारित समय के भीतर ही गोल करने के कई मौके गंवाये जिस पर आत्ममंथन करना होगा।फॉरवर्ड पंक्ति ने विरोधी गोल के भीतर कई बार हमले बोले लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके अलावा पासिंग और गेंद पर नियंत्रण में भी बेल्जियम हावी रहा था।जर्मन टीम के अभेद्य डिफेंस के सामने भारतीयों को अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाना होगा वरना 2001 और 2016 के बाद तीसरा जूनियर विश्व कप जीतने का सपना धरा रह जायेगा।
दूसरी ओर जर्मनी को फ्रांस से क्वार्टर फाइनल में कड़ी चुनौती मिली लेकिन धीमी शुरूआत के बाद उसने लय पकड़ी और दूसरे हाफ में अपना चिर परिचित खेल दिखाकर मैच को शूटआउट तक ले गए।
जर्मन कप्तान बेन हासबाश ने बाद में कहा ,‘‘यह बेहतरीन टीम प्रयास था।पहला हाफ कठिन था लेकिन दूसरे हाफ में हमने शानदार खेल दिखाया।पूरे साल में हम आखिरी दो क्वार्टर में अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाते आये हैं और हमने वही किया।"
भारतीय कप्तान रोहित और उनकी टीम को जर्मनी की इस ताकत का बखूबी अनुमान होगा और आखिरी पलों में गोल गंवाने से बचने के लिये डिफेंस को खासा चौकस रहना होगा।दूसरे सेमीफाइनल में स्पेन का सामना अर्जेंटीना से होगा। फाइनल 10 दिसंबर को खेला जायेगा।
