Bareilly : 50 साल से निगम को दे रहे टैक्स तो अब कैसे हो गए अवैध

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। हम लोग करीब 50 साल से यहां निवास कर रहे हैं और एक घर में दो से तीन परिवार जीवन यापन कर रहे हैं। इतना ही नहीं नगर निगम को टैक्स भी अदा कर रहे हैं लेकिन अब हमारे आवासों को अवैध घोषित कर दिया गया। अगर ऐसा था तो शुरुआत में ही घर बनाने के समय रोक दिया जाता। यह कहना शाहबाद में 27 आवासों में निवास करने वाले लोगों का है।

सितंबर में शहर में हुए बवाल के बाद नगर निगम ने अक्टूबर में शाहबाद में सरकारी भूमि पर बने 27 घरों को नोटिस जारी कर ध्वस्तीकरण का आदेश दिया था। इसके बाद घरों में रहने वाले लोगों ने हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए फिलहाल दो महीने तक ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर रोक लगा दी है। जिसके बाद लोगों में अब राहत है लेकिन निगम अधिकारियों के खिलाफ काफी रोष है। कोर्ट ने निगम अधिकारियों से इस पक्ष को सुनने का मौके देने की बात कही है। अगली सुनवाई में यह तय होगा कि नोटिस और ध्वस्तीकरण आदेश वैध हैं या नहीं।

200 से अधिक लोग हो जाते बेघर
लोग बताते हैं कि अगर हमारे घर अवैध भूमि पर बने हैं तो फिर सालों से निगम हमसे टैक्स क्यों वसूल रहा है। अगर हम लोगों को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलती तो 27 घरों में निवास कर रहे करीब 200 से अधिक लोग सड़क पर आ जाते।

लोगों की बात
परवेज खान ने कहा कि हमारे पास सालों से जो निगम को टैक्स दे रहे हैं उसकी रसीदें हैं। जब नोटिस जारी हुए तो निगम अधिकारियों ने एक बार भी हमारी बात नहीं सुनी। अफरोज ने बताया कि हमारी ये दूसरी पीढ़ी है जो कि इस घर में निवास कर रही है। नोटिस के बाद से कई लोग तो घर छोड़ने को तैयार हो गए। उनका मानना था कि निगम प्रशासन कोई पक्ष नहीं सुनेगा। इरशाद हुसैन कहते हैं कि 50 साल से अधिक समय हो गया है कभी कोई परेशानी नहीं आई। निगम को समय पर टैक्स अदा कर रहे हैं लेकिन अचानक हमारे आवासों को अवैध करार देना नाइंसाफी है। कोर्ट के आदेश का स्वागत है। 


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