आयुष्मान में फर्जीवाड़ा : शिकायत पहुंची तो पता चला एक साल से बंद है एड मेंबर का विकल्प
बरेली, अमृत विचार। बीते वर्ष तक आयुष्मान लाभार्थी को जारी होने वाले गोल्डन कार्ड में एड मेंबर का विकल्प होता था, जिससे वह खुद अपने परिवार के सदस्यों को कार्ड से जोड़ सकता था लेकिन फर्जीवाड़े की आशंका के चलते एक साल पहले ही शासन ने इस पोर्टल को अपडेट करते हुए इस विकल्प को बंद कर दिया है। इस संबंध में एक शिकायत आने पर जांच की गई तो विकल्प बंद होने की जानकारी हुई।
दरअसल, पोर्टल पर एड मेंबर विकल्प को बंद करने की सूचना विभागीय अधिकारियों को भी नहीं थी, लेकिन हाल ही में स्वास्थ्य विभाग के जिला अस्पताल स्थित आयुष्मान कार्यालय में एक शिकायत आई। एक पंचायत सहायक ने शिकायती पत्र दिया और बताया कि उसने आयुष्मान कार्ड में परिवार के सदस्यों को जोड़ने के ऑनलाइन विकल्प से 50 रिश्तेदारों के नाम जोड़ लिए थे। उसे नियमों की जानकारी नहीं थी। उसके कार्ड ये नाम हटाए जाएं। जब अधिकारियों ने विकल्प संबंधी जानकारी ली तो पता चला कि ये विकल्प अब बंद कर दिया गया है। यानी अब कोई फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा।
पांच साल तक के बच्चे को मिलेगा इलाज
आयुष्मान भारत योजना के जिला समन्वयक डाॅ. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि एड मेंटर विकल्प को एक साल पहले शासन स्तर से बंद कर दिया गया है। अगर किसी का पिता लाभार्थी है तो उसके पांच साल तक बच्चे को योजना में कवर मिलेगा। इसके लिए इलाज के दौरान बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य है। अन्य सदस्यों के लिए अब आयुष्मान कार्यालय में आकर ही नियमानुसार जोड़ा जाएगा।
