UP में बिजली बिल राहत योजना में चार लाख उपभोक्ताओं ने कराया रजिस्ट्रेशन, प्राप्त हुआ 300 करोड़ राजस्व
लखनऊ। यूपी में बिजली बिल राहत योजना उपभोक्ताओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है। अब तक नेवर पेड एवं लॉन्ग अनपेड श्रेणी के 3,62,854 उपभोक्ता योजना से जुड़ चुके हैं, जिससे कुल 282.91 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। वहीं बिजली चोरी के मामलों में भी 4,911 उपभोक्ताओं ने योजना का लाभ लेने के लिए पंजीकरण कराया है।
बुधवार को आज विद्युत वितरण निगमों की समीक्षा बैठक में उ.प्र. पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने खराब प्रदर्शन के कारण कानपुर, बांदा, सीतापुर, गोरखपुर एवं झांसी के पांच मुख्य अभियंताओं को चेतावनी दी गई, जबकि मिर्जापुर के मुख्य अभियंता का स्थानांतरण किया गया। साथ ही कासगंज के सहायक अभियंता सुशील कुमार को एडवर्स एंट्री और मिर्जापुर के सहायक अभियंता आसुतोष कुमार को निलंबित करने के निर्देश दिए गए।
डॉ आशीष गोयल ने कहा कि नेवर पेड एवं चोरी के प्रकरणों में रजिस्ट्रेशन की प्रगति बेहद धीमी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि "एक-एक बकायेदार से संपर्क कर योजना का लाभ बताएं और बकाया जमा कराएं। जिन क्षेत्रों में प्रगति खराब मिलेगी, उन अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
उन्होंने प्रचार-प्रसार को और प्रभावी बनाने के लिए मीटर रीडर, फीडर मैनेजर, सोशल मीडिया, कॉलर ट्यून, समाचार पत्र, पंपलेट और जिला प्रशासन की मदद से प्रत्येक पात्र उपभोक्ता तक योजना की सूचना पहुंचाने के निर्देश दिए।
योजना के तहत पहली बार 100 प्रतिशत ब्याज माफी के साथ मूलधन में 25 प्रतिशत तक की भारी छूट दी जा रही है। जल्दी पंजीकरण कराने और बकाया जमा करने पर उपभोक्ताओं को और अधिक लाभ मिलेगा। बिजली चोरी मामलों में भी मुकदमों से छुटकारा मिलेगा।
डॉ. आशीष गोयल ने चेताया कि ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने की घटनाओं में कमी आनी चाहिए, लापरवाही पर कोई छूट नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी रोजाना प्रगति की निगरानी सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी बताया कि बेहतर कार्य करने वाले अभियंताओं एवं कलेक्शन एजेंसियों को प्रोत्साहन राशि और प्रशस्ति पत्र दिए जाएंगे।
योजना समाप्ति के बाद सभी डिस्कॉम का मूल्यांकन किए गए कार्य के आधार पर होगा।उन्होंने अर्बन रिस्ट्रक्चरिंग पर भी चर्चा की, जिस पर अधिकारियों ने जानकारी दी कि विद्युत व्यवस्था में सुधार हुआ है और उपभोक्ता शिकायतों में कमी आई है।
