काशी को मिली देश की पहली हाइड्रोजन जलयान की सौगात, नमो घाट से केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने झंडी दिखाकर किया रवाना, जानें खसियात

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Published By Deepak Mishra
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वाराणसी। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार को वाराणसी के नमो घाट से देश के पहले पूर्णतः स्वदेशी हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित यात्री जलयान के वाणिज्यिक संचालन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 

यह जलयान देश में समुद्री एवं अंतर्देशीय जल परिवहन क्षेत्र में हाइड्रोजन ईंधन सेल प्रणोदन प्रौद्योगिकी का पहला व्यावसायिक प्रदर्शन है और इसमें 100 प्रतिशत स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। निम्न तापमान प्रोटॉन एक्सचेंज मेम्ब्रेन ईंधन सेल प्रणाली से संचालित यह जलयान संग्रहित हाइड्रोजन को विद्युत में बदलता है और एकमात्र उप-उत्पाद के रूप में शुद्ध जल छोड़ता है।  

इस अवसर पर सोनोवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत स्वच्छ, टिकाऊ और आत्मनिर्भर परिवहन प्रणालियों की ओर तेजी से अग्रसर है। आज देश का पहला स्वदेशी हाइड्रोजन ईंधन चालित जलयान लॉन्च करना 'मेक इन इंडिया' और हरित परिवहन के प्रति प्रधानमंत्री जी की प्रतिबद्धता का जीवंत प्रमाण है। यह उपलब्धि माँ गंगा के पुनरुद्धार एवं संरक्षण के हमारे व्यापक मिशन को भी सशक्त बनाती है।" 

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की स्वामित्व वाली यह 24 मीटर लंबी कैटामरन नौका कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित की गई है। परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे होने के बाद इसे वाणिज्यिक सेवा में शामिल किया गया है। 50 यात्रियों की क्षमता वाली पूर्णतः वातानुकूलित यह नौका हाइड्रोजन ईंधन सेल, बैटरी तथा सौर ऊर्जा की हाइब्रिड प्रणाली से संचालित है। 

एक बार हाइड्रोजन भरने पर यह लगातार आठ घंटे तक 7-9 समुद्री मील प्रति घंटे की गति से संचालन कर सकती है। इस परियोजना के लिए आईडब्ल्यूएआई कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड और इनलैंड एंड कोस्टल शिपिंग लिमिटेड के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ है, जिसमें तकनीकी सहायता, संचालन, सुरक्षा मानक और नियमित निरीक्षण के प्रावधान शामिल हैं। 

हाइड्रोजन नौका के संचालन से यात्रियों को शोर-मुक्त, धुआँ-मुक्त एवं प्रदूषण-रहित यात्रा का अनुभव मिलेगा। साथ ही जलमार्गों के उपयोग से सड़क यातायात की भीड़ में कमी आएगी तथा स्थानीय पर्यटन और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। वाराणसी विश्व के उन चुनिंदा शहरों में शामिल हो गया है, जहाँ हाइड्रोजन-संचालित सार्वजनिक यात्री परिवहन शुरू हुआ है।

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दया शंकर मिश्रा 'दयालु', विधायक अवधेश सिंह, नीलकंठ तिवारी, डॉ. सुनील पटेल, सौरभ श्रीवास्तव, अनिल राजभर, नील रतन सिंह पटेल, त्रिभुवन राम, वाराणसी महापौर अशोक कुमार तिवारी, पत्तन-पोत परिवहन मंत्रालय के सचिव टी.के. रामचंद्रन, आईडब्ल्यूएआई के अध्यक्ष सुनील पालीवाल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। यह पहल मेरीटाइम इंडिया विजन 2030 एवं अमृत काल विजन 2047 के तहत हरित प्रौद्योगिकी अपनाने तथा 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। 

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