मेकअप वाली लड़की
एक समय की बात है, एक लड़की थी, जिसका नाम लूसी था। उसे मेकअप करने का बहुत शौक था। वह बिना मेकअप के घर से बाहर भी नहीं निकलती थी। स्कूल में उसे सब लोग ‘परफेक्ट दिखने वाली लड़की’ के नाम से जानते थे। एक दिन स्कूल में अनाउंसमेंट हुआ कि जल्द ही प्रॉम नाइट होने वाली है। यह सुनकर लूसी बहुत उत्साहित हो गई। वह उसी पल से तैयारियों के सपने देखने लगी। जब सब लड़कियां अपने-अपने दोस्तों के साथ खरीदारी करने गईं, लूसी अकेली ही निकल पड़ी।
उसने मेकअप की सारी चीजें खरीद लीं- लिपस्टिक, आईलाइनर, ब्लश, मस्कारा, आईशैडो, फाउंडेशन आदि। उसने एक खूबसूरत ड्रेस भी खरीदी। आखिरकार वह बड़ी रात आ गई। लूसी सुबह जल्दी उठी, तैयार हुई और मेकअप करना शुरू कर दिया। उसने पूरा दिन और शाम सिर्फ तैयार होने में लगा दी। रात 7 बजे जब वह प्रॉम वेन्यू पहुंची, तो हर लड़की सुंदर लग रही थी, लेकिन लूसी सबसे अलग और चमकदार दिख रही थी।
जब प्रॉम क्वीन का नाम घोषित हुआ, तो आवाज आई-“प्रॉम क्वीन हैं, बेका मेसन!” सबको पता था कि बेका बहुत दयालु और अच्छी लड़की है, इसलिए कोई हैरान नहीं हुआ, लेकिन अचानक बेका रोने लगी और बोली- “रुकिए! मैं विनर नहीं हूं।” पूरा हॉल उसकी ओर देखने लगा। बेका ने कहा- “मैं इस प्रतियोगिता में भाग ही नहीं ले रही थी।” प्रिंसिपल ने सिर हिलाया और फिर दोबारा घोषणा की- “प्रॉम क्वीन हैं… लूसी!” लूसी खुश तो थी, लेकिन उसने एक महत्वपूर्ण बात समझ ली- सच्ची चमक मेकअप से नहीं, बल्कि खुशी और दयालुता से आती है। उसने देखा कि बेका बिना मेकअप के भी मुस्कुरा रही थी, खुश थी और सबके साथ नाच रही थी।-वनीशा साधवानी
