रवीना टंडन ने बांग्लादेश में हिंदू युवक की बर्बर हत्या पर उठाई अवाज, कहा- 'कुछ लोग इन क्रूरताओं को भी जस्टिफाई करेंगे'
मुंबई: बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ जोरदार आवाज उठाई है। उन्होंने मैमनसिंह जिले में हुए एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की नृशंस हत्या पर गहरा दुख व्यक्त किया और उन लोगों पर करारा प्रहार किया जो ऐसी घटनाओं को न्यायोचित बताने की कोशिश करते हैं।
रवीना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने लिखा कि कुछ लोग इन हत्याओं को भी जायज ठहराने से नहीं चूकेंगे। साथ ही, उन्होंने एक स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किया, जिसमें स्पष्ट था कि दीपू चंद्र दास के खिलाफ ईशनिंदा के आरोपों का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला। इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है।
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दीपू चंद्र दास की क्रूर हत्या की कहानी
दीपू चंद्र दास (उम्र करीब 25-30 साल) एक साधारण गारमेंट फैक्ट्री कर्मचारी थे, जो भालुका इलाके में किराए के मकान में रहते थे। 18 दिसंबर की रात को ईशनिंदा के झूठे आरोपों के आधार पर उग्र भीड़ ने उन्हें फैक्ट्री से खींचकर बाहर निकाला। भीड़ ने उन्हें लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मार डाला, फिर शव को पेड़ से लटकाकर आग के हवाले कर दिया। इस भयावह घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैला, जिसने दुनिया भर में आक्रोश पैदा किया। जांच में पता चला कि आरोप पूरी तरह बेबुनियाद थे—कोई सबूत नहीं मिला।
बांग्लादेश की रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) ने इस मामले में कई गिरफ्तारियां की हैं और अंतरिम सरकार ने भी इसकी कड़ी निंदा की है।
बांग्लादेश में हिंसा की आग क्यों भड़की?
यह घटना छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की व्यापक अशांति के बीच हुई। हादी की सिंगापुर में इलाज के दौरान मौत हो गई, जिसके बाद देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हिंसक हो गए। तोड़फोड़, आगजनी और हमलों की घटनाएं बढ़ीं, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय खासकर हिंदू सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। विशेषज्ञों का मानना है कि कट्टरपंथी तत्वों ने इस अराजकता का फायदा उठाकर नफरत फैलाई।
रवीना टंडन की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। उनकी पोस्ट ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि ऐसी बर्बरता को चुपचाप सहन नहीं किया जा सकता।
