Kanpur News: निजी स्कूल पर लगा आठ साल के बच्चे को मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप, चार के खिलाफ FIR दर्ज 

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Published By Muskan Dixit
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कानपुर। कानपुर के सेन-पश्चिम पारा थाना क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल में आठ वर्षीय छात्र के कथित मानसिक उत्पीड़न के मामले को लेकर परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने स्कूल के निदेशक और प्रधानाचार्य समेत चार लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि स्कूल अधिकारियों द्वारा चोरी का आरोप लगाए जाने के बाद बच्चा कथित तौर पर घर पर "मदद...मदद" लिखने लगा और नींद में रोने लगा।

पुलिस के अनुसार बच्चे की मां की शिकायत के आधार पर संबंधित स्कूल के निदेशक देवराज सिंह राजावत, प्रधानाचार्य अनुप्रीत रावल और शिक्षक संगीता मलिक तथा स्वतंत्र अग्निहोत्री समेत चार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी के अनुसार, दूसरी कक्षा के आठ वर्षीय छात्र पर पेन चोरी का आरोप लगाया गया और स्कूल शिक्षकों ने उसे लगातार मानसिक दबाव में रखा।

छात्र की मां ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया कि उसके बेटे को 12 दिसंबर को स्कूल बुलाया गया और 28 नवंबर को हुई कथित चोरी के सिलसिले में धमकाया गया। मां ने दावा किया कि घटना के दिन बच्चा स्कूल नहीं गया था। बच्चे के व्यवहार में अचानक आए बदलाव से परिवार चिंतित हो गया। बच्चा चुप रहने लगा और घर पर बार-बार "मदद" लिखने लगा। उसके सदमे की गंभीरता तब सामने आई जब वह रात को रोते हुए उठा और बुदबुदाया, "मैडम, मैंने पेन नहीं लिया।"

शिकायत में आगे आरोप लगाया गया है कि स्वतंत्र अग्निहोत्री नामक एक शिक्षक ने अन्य स्टाफ सदस्यों के साथ मिलकर बच्चे पर दबाव डाला और उससे चोरी की बात कबूल करते हुए एक "कबूलनामा वीडियो" रिकॉर्ड करवाया। जब परिवार ने घटना की पुष्टि के लिए स्कूल से सीसीटीवी फुटेज मांगा, तो प्रधानाचार्य अनुप्रीत रावल और निदेशक देवराज सिंह राजावत ने कथित तौर पर फुटेज देने से इनकार कर दिया और परिवार पर पेन के पैसे देने का दबाव डाला।

पुलिस ने बताया कि आरोपी स्कूल स्टाफ को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन वे पेश नहीं हुए। सेन पश्चिम पारा थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) प्रदीप कुमार सिंह ने कहा, "आरोपों की गंभीरता को देखते हुए प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।" उन्होंने कहा कि आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 351(2) और किशोर न्याय (देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 75 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो बच्चों के प्रति क्रूरता से संबंधित है। विद्यालय प्रबंधन ने अभी तक आरोपों पर कोई बयान या प्रतिक्रिया जारी नहीं की है।

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