प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता का जोरदार स्वागत, कहा-राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री से मिलना सपने जैसा

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Published By Anjali Singh
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बाराबंकी, अमृत विचार। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित होकर शनिवार को वापस लौटी बाराबंकी की बेटी पूजा पाल खुशी से गदगद नजर आईं। जिला प्रशासन की ओर से भेजी गई टीम पूजा, उनके गाइड शिक्षक राजीव श्रीवास्तव और पिता पुत्तीलाल को पूरे सम्मान के साथ बाराबंकी लेकर पहुंची।

बाराबंकी पहुंचने पर पूजा और उनके पिता शिक्षक राजीव श्रीवास्तव के आवास पहुंचे, जहां फूल-मालाओं और गुलदस्तों के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस दौरान शुभकामनाओं का तांता लगा रहा और पूजा की आंखों में खुशी साफ झलक रही थी। 

पूजा ने बताया कि दिल्ली में मंच से जब उसका नाम पुकारा गया तो उसे अपने कानों पर यकीन नहीं हुआ। उसने कहा कि आज जो सम्मान मिल रहा है, उससे दिल भर आया है। पूजा ने कहा कि राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार पाना और प्रधानमंत्री के सामने बैठकर उनसे बात करना मेरे लिए सपने के सच होने जैसा है। यह पुरस्कार सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि मेरे माता-पिता और गुरुजी को समर्पित है।

पूजा ने बताया कि स्वागत के दौरान पूजा के पिता पुत्तीलाल भी भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी को मिला यह सम्मान सिर्फ उनके परिवार का नहीं, बल्कि पूरे बाराबंकी जिले की पहचान बन गया है। गाइड शिक्षक राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि पूजा पूरे जनपद का गौरव हैं।

पीएम बोले...तुम्हें तो पहले मिलना चाहिये था

पूजा ने बताया कि पुरस्कार ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी 20 बाल पुरस्कार विजेताओं से मुलाकात की और पूछा कि उनसे कौन बातचीत करना चाहता है। इस दौरान सभी बच्चों के बीच से केवल मैंने हाथ उठाकर प्रधानमंत्री से बात करने की इच्छा जताई। प्रधानमंत्री ने पूजा को अपने सामने बैठाया और उसके नवाचार के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

पूजा ने बताया कि प्रधानमंत्री ने उससे पूछा कि वह आगे चलकर क्या बनना चाहती है। इस पर उसने कहा कि वह वैज्ञानिक बनकर समाज की सेवा करना चाहती है। पूजा के उत्तर और उसके आविष्कार से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री ने उससे यह भी पूछा कि क्या वह उनसे पहले कभी मिल चुकी है। इस पर पूजा ने विनम्रता से जवाब दिया कि वह पहली बार उनसे मिल रही है। इस पर प्रधानमंत्री मुस्कुराते हुए बोले कि तुम्हें तो पहले ही मुझसे मिलना चाहिए था।

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