Republic Day 2026 : गणतन्त्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर UP से प्रतिभाग करेगी 14 लखपति दीदियां
लखनऊ। गणतन्त्र दिवस पर दिल्ली में कर्तव्य पथ पर आयोजित परेड कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश से 14 लखपति दीदियां प्रतिभाग करेंगी। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के मार्गदर्शन मे उत्तर प्रदेश मे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों से ग्रामीण महिलायें जुड़कर सफलता की नई ऊंचाइयां छू रही हैं। प्रदेश में स्वयं सहायता समूहो से जुड़ी लाखों दीदियां नई उड़ान भर रही हैं, वहीं गांव देहात की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत साबित हो रही हैं।
गणतंत्र दिवस के अवसर नई दिल्ली मे आयोजित परेड के दौरान सम्मिलित होने उत्तर प्रदेश के स्वयं सहायता समूहों के विभिन्न कैडर्स की 14 लखपति दीदियां विशेष अतिथि के रूप मे प्रतिभाग करेगीं। जिसमे आत्मविश्वास, मेहनत और सरकारी योजनाओं के सही उपयोग से आत्मनिर्भर बनी बिजनौर की ऋतु हलदर और सुमन रानी जो महिला सशक्तिकरण की सशक्त मिसाल हैं, भी सम्मिलित रहेगी।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी इन सभी दीदियों का गणतन्त्र दिवस के अवसर पर विशेष अतिथि के रूप मे जाना उत्तर प्रदेश के लिए,खासतौर से स्वंय सहायता समूहो के लिए गौरव की बात है। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इन दीदियो को दिल्ली ले जाने के लिये सभी आवश्यक व्यवस्थायें पहले से ही सुनिश्चित कर ली जायें।
गौरतलब है कि ऋतु हलदर और सुमन रानी बिजनौर की स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के तैयार उत्पादों के साथ-साथ जिले का पारंपरिक वुड क्राफ्ट भी दिल्ली ले जायेंगी। कभी आर्थिक तंगी और पारिवारिक कठिनाइयों से जूझ रहीं ऋतु और सुमन आज सफल महिला उद्यमी हैं।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर उन्होंने न केवल अपनी आजीविका का साधन विकसित किया, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत किया। उनकी मेहनत और उपलब्धियों को देखते हुए प्रशासन ने दोनों को 'लखपति दीदी क्लब' में शामिल किया है।
सुमन रानी ग्राम अब्दुल्लापुर (ब्लॉक-हलदौर) की निवासी हैं, जिन्होंने सीमित आय और बढ़ती पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच हार न मानते हुए आत्मनिर्भर बनने का सपना देखा। बी ए तक शिक्षित सुमन ने स्वयं सहायता समूह से जुड़कर बचत की शुरुआत की और ग्राम्य विकास विभाग की सीएलएफ योजना के तहत लेखाकार के रूप में कार्य किया।
मेहनत और आत्मविश्वास ने उन्हें नई पहचान दिलाई और आज वे विवेक विश्वविद्यालय परिसर स्थित 'विदुर कैफे' का सफल संचालन करते हुए प्रतिदिन 3 से 4 हजार रुपये की आय अर्जित कर रही हैं। ग्राम घासीवाला (ब्लॉक-मोहम्मदपुर देवमल) की ऋतु हलदर ने भी संघर्ष को अपनी ताकत बनाया। 12वीं तक पढ़ी ऋतु ने स्वयं सहायता समूह से जुड़कर नेतृत्व की जिम्मेदारी संभाली और समूह अध्यक्ष के रूप में आगे बढ़ीं।
आत्मनिर्भर बनने की ललक ने उन्हें दोबारा पढ़ाई की राह दिखाई और वर्तमान में वे बीए की पढ़ाई कर रही हैं। आज वे अपनी सहयोगी माया चक्रवर्ती के साथ नजीबाबाद रोड स्थित वर्धमान कॉलेज के पास 'विदुर कैफे' चला रही हैं, जहां से वे प्रतिदिन 3 से 4 हजार रुपये तक की आय अर्जित कर न केवल अपने परिवार को संबल दे रही हैं, बल्कि अनेक महिलाओं के लिए उम्मीद और प्रेरणा भी बन चुकी हैं।
