विश्व कप जीतकर महिलाओं ने बढ़ाया देश का मान, पुरुष टीम टेस्ट में करती रही संघर्ष, देखें 2025 का क्रिकेट रिव्यू
बेंगलुरु। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वर्ष 2025 में वनडे विश्व कप जीतकर आईसीसी ट्रॉफी हासिल करने के अपने लंबे इंतजार को खत्म किया लेकिन भारतीय पुरुष टीम टेस्ट क्रिकेट में जूझती नजर आई जिससे उसकी सीमित ओवरों की क्रिकेट में सफलता भी फीकी पड़ गई। वर्ष 2025 में वैश्विक टूर्नामेंट में भारत की पुरुष और महिला टीम ने अपना दबदबा बनाया। पुरुष टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी (वनडे) और एशिया कप (टी20) में जीत हासिल की, जबकि महिला टीम ने पहली बार 50 ओवर का विश्व कप जीता। लेकिन पुरुषों के खेल में दक्षिण अफ्रीका के हाथों टेस्ट मैचों में 0-2 से मिली करारी हार ने मुख्य कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में लाल गेंद के प्रारूप में भारत की कमियों को उजागर कर दिया। जब पूरे साल में शानदार परिणाम देखने को मिले तो एकमात्र गड़बड़ी पर ध्यान केंद्रित करना क्यों महत्वपूर्ण है। इसका जवाब पाने के लिए 2024-25 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर एक नजर डालना जरूरी है।
इस श्रृंखला में 1-3 से मिली हार के साथ विराट कोहली और रोहित शर्मा के टेस्ट करियर का अंत हो गया। यही नहीं स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने पिछले साल के आखिर में ऑस्ट्रेलिया के दौरे के दौरान संन्यास की घोषणा कर दी थी। इससे भारतीय टीम किसी हद तक कमजोर पड़ गई। रोहित और कोहली के वनडे में भविष्य को लेकर पूरे साल चर्चा होती रही। इन दोनों ने हालांकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के घरेलू क्रिकेट में खेलने की अनिवार्यता का सम्मान किया और दिखा दिया कि वह अभी वनडे प्रारूप को अलविदा कहने के मूड में नहीं हैं। एक और दिग्गज टेस्ट खिलाड़ी चेतेश्वर पुजारा ने भी औपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया, जिससे मध्य क्रम में बड़ा शून्य पैदा हो गया है।
भारतीय टीम मध्यक्रम में अब एक मजबूत बल्लेबाज की तलाश के लिए संघर्ष कर रहा है। भारत ने नए विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) चक्र (2025-27) में अपनी यात्रा की नींव नए कप्तान शुभमन गिल और उभरते खिलाड़ियों के एक समूह के साथ रखी थी और अब तक के परिणाम बेहद मिले-जुले रहे हैं। भारत की नए स्वरूप वाली टेस्ट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की श्रृंखला 2-2 से ड्रॉ की, जिसमें गिल ने अपने खेल और कप्तानी दोनों से प्रभावित किया। उन्होंने चार शतकों की मदद से 75.40 के औसत से 754 रन बनाए, जो 1936-37 एशेज में डॉन ब्रैडमैन के 810 रन के बाद किसी कप्तान द्वारा श्रृंखला में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में दूसरे नंबर पर है। इसके बाद भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज को अपनी घरेलू धरती पर दोनों टेस्ट मैच में हराया। तब लग रहा था कि भारत की युवा टीम ने बिना किसी खास परेशानी के बदलाव का दौर पूरा कर लिया है। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में जल्द ही किस्मत का रुख अप्रत्याशित रूप से बदल गया।
दक्षिण अफ्रीका के ऑफ स्पिनर साइमन हार्मर ने भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। बेहतर तैयारी और अधिक आत्मविश्वास के साथ मैदान में उतरी तेम्बा बावुमा की अगुवाई वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम ने भारत में टेस्ट श्रृंखला जीतने का 25 साल का लंबा इंतजार खत्म किया। यह पहला अवसर नहीं था जबकि भारतीय बल्लेबाज घरेलू मैदानों पर स्पिन गेंदबाजों के सामने लड़खड़ा गए। पिछले साल न्यूजीलैंड के स्पिनरों के सामने भी उनकी एक नहीं चली थी। इन दोनों श्रृंखला में टीम की हार ने उसकी कमजोरी को उजागर कर दिया। इससे यह साबित हो गया कि बेहतर स्पिनरों के सामने भारतीय बल्लेबाजी पूरी तरह ध्वस्त हो सकती है क्योंकि 124 जैसे मामूली लक्ष्य को भी भारतीय टीम के लिए हासिल करना असंभव हो गया। भारत पहले ही विश्व कप अंक तालिका में छठे स्थान पर खिसक चुका है तथा 2026 में श्रीलंका और न्यूजीलैंड के कठिन दौरों को देखते हुए उसके लिए इस चक्र में फाइनल में जगह बनाना दूर की कौड़ी लगती है। भारतीय टीम ने हालांकि सीमित ओवरों की क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया।
भारत ने दुबई में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी और फिर बाद में उसी स्थान पर आयोजित किए गए एशिया कप में जीत हासिल करके वनडे और टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में अपना दबदबा साबित किया। यदि 2025 के प्रदर्शन को एक मापदंड के रूप में लिया जाए तो भारतीय प्रशंसकों को 2026 में भी कुछ रोमांचक क्रिकेट देखने को मिलेगी क्योंकि पुरुष और महिला टीमें टी20 विश्व कप के लिए तैयार हो रही हैं। एक तरह से देखा जाए तो यह साल महिला क्रिकेटरों का रहा। अंडर-19 टीम ने फरवरी में अपना टी20 खिताब बरकरार रखा।
भारतीय महिला सीनियर टीम को वैश्विक टूर्नामेंटों में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ हमेशा संघर्ष करना पड़ा था लेकिन इस साल वनडे विश्व कप में हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को हराया। उसने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर अपना पहला आईसीसी खिताब जीता। इस ऐतिहासिक जीत के बाद बीसीसीआई ने घरेलू मैचों में फीस में बढ़ोतरी की। महिला खिलाड़ियों को भी अधिक विज्ञापन मिलने लग गए हैं जो महिला क्रिकेट के उज्जवल भविष्य का संकेत हैं। इस साल बीसीसीआई के शीर्ष पद पर भी बदलाव हुआ।
दिल्ली के पूर्व क्रिकेटर मिथुन मन्हास ने रोजर बिन्नी की जगह बीसीसीआई अध्यक्ष का पद संभाला है। यही नहीं सौरव गांगुली और वेंकटेश प्रसाद जैसे कुछ पूर्व क्रिकेटरों ने अपने राज्य संघ में अध्यक्ष का पद संभाला। पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद संक्षिप्त सैन्य अभियान के कारण भारत के पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंध और बिगड़ गए। इसका असर क्रिकेट के मैदान पर भी देखने को मिला।
बीसीसीआई के निर्देश पर भारतीय क्रिकेटरों ने एशिया कप के दौरान पाकिस्तान के खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। उन्होंने खिताब जीतने पर ट्रॉफी भी स्वीकार नहीं की क्योंकि इसे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने प्रदान करना था। नकवी एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष और पाकिस्तान के गृहमंत्री भी हैं। यह ट्रॉफी अभी दुबई में एसीसी मुख्यालय में बंद है क्योंकि नकवी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इसे मीडिया कर्मियों के सामने ही भारत को सौंपेंगे।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने 2025 में आईपीएल ट्रॉफी जीतकर अपना 18 साल का इंतजार खत्म किया। उसकी यह ऐतिहासिक उपलब्धि हालांकि जल्द ही एक त्रासदी में बदल गई क्योंकि फ्रेंचाइजी के जश्न के दौरान एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास भगदड़ में 11 प्रशंसकों की मौत हो गई और 56 अन्य घायल हो गए। उसके बाद से चिन्नास्वामी स्टेडियम में कोई बड़ा मैच नहीं खेला गया है।
