अंकिता भंडारी केस : कांग्रेस का भाजपा पर तीखा हमला, कहा- CBI जांच से क्यों भाग रही धामी सरकार
हरिद्वार। उत्तराखंड कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष प्रीतम सिंह और चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष डॉ. हरक सिंह रावत ने मंगलवार को अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर मामले को भटकाने की कोशिश कर रही है।
मंगलवार को पत्रकारों से मुख़ातिब होते हुए प्रीतम सिंह ने कहा कि यदि भाजपा सरकार कथित वीआईपी मामले में पूरी तरह पाक-साफ है, तो वह सीबीआई जांच से क्यों डर रही है। उन्होंने मांग की कि इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जाए और इसकी निगरानी हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा होनी चाहिए।
प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा के पूर्व विधायक की पत्नी उर्मिला द्वारा लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं, जिनमें भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के नाम सामने आए हैं। सरकार को इन सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे ही वीआईपी का नाम सामने आया, सरकार ने मामले को डायवर्ट करने की कोशिश शुरू कर दी।
उन्होंने ऋषिकेश में वन भूमि के चिन्हीकरण को भी इसी रणनीति का हिस्सा बताया। कहा कि सरकार अंकिता भंडारी हत्याकांड से जनता का ध्यान हटाने के लिए जल्दबाजी में कार्रवाई कर रही है। वन भूमि मामले में सरकार को सभी पक्षों को विश्वास में लेकर कदम उठाना चाहिए था, लेकिन उल्टा पीड़ितों का उत्पीड़न किया जा रहा है।
इस मौके पर पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि सरकार वन भूमि के नाम पर लोगों को बेदखल करने की साजिश कर रही है। उन्होंने बताया कि जब वे स्वयं वन मंत्री थे, तब भी ऐसा ही मामला न्यायालय में गया था, जिसे सरकार ने पैरवी कर रुकवाया था। वर्तमान सरकार को भी यही रास्ता अपनाना चाहिए। डॉ. रावत ने कहा कि वन अधिनियम बनने से पहले से बड़ी संख्या में लोग इन जमीनों पर रह रहे हैं, उन्हें जबरन हटाना न्यायसंगत नहीं है।
अंकिता भंडारी मामले पर उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि जैनी प्रकरण में उन्होंने स्वयं सीबीआई जांच की मांग की थी और मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। सभी जांच में उन्हें क्लीन चिट मिली। अगर अंकिता मामले में जुड़े लोग निर्दोष हैं, तो उन्हें भी यही उदाहरण पेश करना चाहिए।
