बरेली: प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ा देख हर आंख हो गई नम

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बरेली, अमृत विचार। गुड फ्राइडे पर शहर के गिरिजाघरों में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान ईसा मसीह द्वारा बोले गए सात वचनों का पाठन मुख्य पास्टर व सहायक पास्टर ने किया। कैंट स्थित बिशप कॉनराड चर्च से प्रभु यीशु के बलिदान दिवस पर पहली बार झांकी निकाली गई। उनकी मृत्यु वाले …

बरेली, अमृत विचार। गुड फ्राइडे पर शहर के गिरिजाघरों में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान ईसा मसीह द्वारा बोले गए सात वचनों का पाठन मुख्य पास्टर व सहायक पास्टर ने किया। कैंट स्थित बिशप कॉनराड चर्च से प्रभु यीशु के बलिदान दिवस पर पहली बार झांकी निकाली गई। उनकी मृत्यु वाले दिन का मंचन भी कलाकारों ने किया जिसको देख चर्च में मौजूद हर व्यक्ति की आंख नम हो गई।

मंचन की शुरुआत ईसा मसीह और उनके शिष्यों के साथ हुई। इसमें दिखाया गया कि प्रभु यीशु की गिरफ्तारी के बाद यहूदी राजा प्लात्सो ने उन्हें मृत्युदंड दिया। इससे यरुशिलम की जनता में खुशी का लहर थी। वहीं प्रभु यीशु की मां और उनके शिष्य शोक में डूबे थे। यहूदियों ने प्रभु यीशु को क्रूस की सजा देने की मांग उठाई। यहूदी राजा जानता था कि प्रभु यीशु बेकसूर हैं लेकिन यहूदी धर्म का विरोध करने के इल्जाम में सारा यरूशिलम एकतरफा उन्हें सजा देने के पक्ष में था। प्रभु यीशु ने भी अपने बचाव में कुछ नहीं कहा।

इसके बाद प्रभु यीशु के कंधों पर एक भारी क्रॉस लादकर कोड़े मारते हुए क्रूस पर चढ़ाने के लिए ले जाया गया। इस बीच प्रभु यीशु कई जगह जमीन पर गिरे लेकिन हर बार वे सिर्फ लोगों की भलाई और ईश्वर द्वारा उन्हें माफ करने की ही बात कहते रहे। अंत में ईसा मसीह को क्रूस पर बांधकर उनके हाथ व पैरों में तीन से आठ इंच लंबी कीलें ठोकी गईं जिसकी वजह से प्रभु यीशु के शरीर से खून की धार बहने लगी। मरने के बाद भी यहूदी सिपाहियों ने उनके शरीर में भाले चुभाए। ईसा मसीह के इस मार्मिक बलिदान के मंचन को देख चर्च में मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं।

क्राइस्ट मैथोडिस्ट चर्च में मुख्य पास्टर ने कराई विशेष प्रार्थना
चौकी चौराहा स्थित क्राइस्ट मैथोडिस्ट चर्च में गुड फ्राइडे पर ईसा मसीह के बलिदान को याद किया गया। बड़ी संख्या में लोगों ने चर्च पहुंचकर प्रार्थना में हिस्सा लिया। चर्च के मुख्य पास्टर सुनील के मसीह ने सबसे पहले विशेष प्रार्थना करवाई। इसके बाद मुख्य पास्टर व सह पास्टरों ने प्रभु यीशू के सात वचनों को पढ़ा। बीच-बीच में चर्च की पूर्ण सदस्यता ले चुके बच्चों व युवाओं द्वारा ईसा मसीह के गीतों को सुरीले अंदाज में पेश कर प्रभु यीशू को याद किया। प्रार्थना में बताया गया कि मानव का उद्धार केवल ईश्वर ही कर सकते हैं। मुख्य पास्टर सुनील मसीह, एडवंड, प्रमोद नंदा, एसयू प्रसाद, डॉ. डोनाल्ड बी लाल, सुनीता जोजफ व डीवी प्रसाद मौजूद थे।

सेंट स्टीफन चर्च में प्रार्थना के लिए करना पड़ा इंतजार
कैंट के बीआई बाजार स्थित सेंट स्टीफन चर्च में कोविड गाइडलाइन को लेकर पंजीकरण की अनिवार्यता थी। कई लोग जानकारी के अभव में बगैर रजिस्ट्रेशन के ही पहुंच गए। उन्हें चर्च के बाहर इंतजार करना पड़ा। कुछ देर बाद सभी को अंदर आने दिया गया।

ईस्टर संडे की तैयारियां शुरू
मान्यता है कि सूली पर चढ़ने के बाद मृत्यु से कुछ पल पहले प्रभु यीशू ने अपने चाहने वालों से कहा था कि वे तीन दिन बाद वापस आएंगे। ठीक तीन दिन बाद रविवार को वह दोबारा जीवित हुए। इस खुशी में ईस्टर संडे को पवित्र दिन की तरह मनाया जाता है। ईसाई धर्म को मानने वाले सभी लोग इस दिन हंसी-खुशी चर्च में जाकर प्रार्थना करते हैं। इस बार भी ईस्टर संडे यानी चार अप्रैल को सभी गिरिजाघरों में सुबह 10 बजे से प्रार्थना की जाएगी। इसमें कोविड गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए लोग शामिल हो सकेंगे।

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