उद्योगों को बिजली सब्सिडी देने में पक्षपात बंद करे कांग्रेस सरकार: हरपाल सिंह चीमा

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चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई ने अमरिंदर सरकार पर छोटे और मंझोले उद्योगों और व्यापारिक इकाईयों के साथ पक्षपात करके चंद चहेते उद्योगों को मोटी बिजली सब्सिडी देने का आरोप लगाया है । प्रतिपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां कहा कि कांग्रेस सरकार उद्योगपतियों और व्यापारियों को बिजली सब्सिडी और …

चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई ने अमरिंदर सरकार पर छोटे और मंझोले उद्योगों और व्यापारिक इकाईयों के साथ पक्षपात करके चंद चहेते उद्योगों को मोटी बिजली सब्सिडी देने का आरोप लगाया है । प्रतिपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां कहा कि कांग्रेस सरकार उद्योगपतियों और व्यापारियों को बिजली सब्सिडी और अन्य रियायतें देने में पक्षपात बंद करे।

सरकार उद्योगों को बिजली समेत अन्य सब्सिडियां देने के लिए एक पारदर्शी, संतुलित और उचित नीति बनाये जिससे इन विरोधी नीतियों और कोरोना महामारी के कारण भारी वित्तीय संकट का सामना कर रहे उद्योग और व्यापार जगत को बचाया जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने बिजली सप्लाई और बिजली सब्सिडी देने में प्रदेश के उद्योगों के साथ पक्षपात किया है।

कैप्टन सरकार अपने चंद चहेते उद्योगपतियों पर प्रदेश का सरेआम खजाना लुटा रही है। पंजाब में इसकी सबसे बड़ी मार छोटे और मध्यस्थ उद्योग को पड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राह पर कैप्टन सिंह भी चल रहे हैं। चीमा ने कहा कि केंद्र की वाजपेयी, डा. मनमोहन सिंह और अब नरेंद्र मोदी सरकार के साथ-साथ बादल और कैप्टन सरकारों की गलत नीतियों के कारण ही उद्योगपति पंजाब से पलायन कर उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में अपने कारोबार स्थापित कर रहे हैं।

पंजाब के औद्योगिक नक्शे पर विकसित हुए लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, बटाला और अमृतसर जैसे क्षेत्रों में से उद्योगों का दूसरे प्रदेशों में पलायन करना न केवल सत्ताधारियों के मुंह पर तमाचा है, बल्कि पंजाब की अर्थव्यवस्था को नुकसान है। इसी कारण प्रदेश में निजी क्षेत्र की लाखों नौकरियां खत्म हो गई हैं और लोग बेरोजगार हो गए हैं।

चीमा ने पंजाब सरकार से प्रदेश में उद्योगों की बेहतरी के लिए उचित औद्योगिक पॉलिसी बनाये जाने की मांग की ताकि छोटे, मध्यस्थ और बड़े उद्योगों को संतुलित अनुपात में सब्सिडियों का लाभ दिया जा सके। कोरोना महामारी के कारण मंदी की मार बर्दाश्त कर रहे उद्योगों का मार्च 2020 से अब तक का फिक्स चार्ज माफ करने की भी मांग की।

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