टनकपुर: दूसरे दिन भी बंद रहा टनकपुर-चम्पावत एनएच, पूर्णागिरि मार्ग भी नहीं खुला

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टनकपुर, अमृत विचार। चंपावत जिले में चार दिन से लगातार हो रही बरसात से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार दूसरे दिन भी टनकपुर चम्पावत एनएच में जगह-जगह मलबा आ जाने व बड़े बोल्डर गिरने के कारण मार्ग नहीं खुल सका जिससे कई यात्री अभी भी बीच मार्ग में फंसे पड़े हैं। …

टनकपुर, अमृत विचार। चंपावत जिले में चार दिन से लगातार हो रही बरसात से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार दूसरे दिन भी टनकपुर चम्पावत एनएच में जगह-जगह मलबा आ जाने व बड़े बोल्डर गिरने के कारण मार्ग नहीं खुल सका जिससे कई यात्री अभी भी बीच मार्ग में फंसे पड़े हैं।

एनएच मार्ग न खुलने से कई निजी वाहन में आए कई यात्रियों को रात भर मार्ग में ही रात गुजारनी पड़ी, जबकि परिवहन निगम की बस में यात्रा कर रहे कई यात्रियों को तमाम सामाजिक संगठनों व प्रशासन की मदद से उन्हें चम्पावत लाया गया जहां उनके रहने और खाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। वहीं, एनएच और ग्रामीण सड़कें बंद होने से लोगों को भारी दिक्कतों से दो-चार होना पड़ा है। हालांकि अब टनकपुर के ककरालीगेट और चम्पावत से वाहनों को आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। वहीं, पूर्णागिरि मार्ग के हनुमान चट्टी पर आए बड़े बोल्डर को अभी तक नहीं हटाया जा सका है, जिससे आवाजाही में काफी दिक्कतें हो रही हैं। इस मार्ग में प्रशासन द्वारा आवाजाही पर रोक लगाने के बाद भी श्रद्धालुओं की आवाजाही जारी है।

मंगलवार से हो रही मूसलधार बारिश से जिले के पर्वतीय व मैदानी इलाकों में व्यापक नुकसान हुआ है। मंगलवार को बंद टनकपुर-पिथौरागढ़ हाइवे बुधवार को भी नहीं खुल पाया। मंगलवार की रात बस स्टेशन चम्पावत एवं सड़क पर फंसे 300 से अधिक यात्रियों को व्यापार संघ, नगर पालिका, प्रशासन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने भोजन और रहने की व्यवस्था कराई।की व्यवस्था की। अधिकांश को नगर पालिका के रेन बसेरे में ठहराया गया।

जबकि निजी वाहनों में फंसे दो दर्जन से अधिक यात्रियों को वाहनों में बैठकर ही रात गुजारनी पड़ी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप एवं देवभूमि पलायन एवं बेरोजगारी उन्मूलन समिति के दो अन्य सदस्य भी देर रात तक स्वाला के पास फंसे रहे। बुधवार की सुबह प्रशासन ने रात भर फंसे यात्रियों को रेसक्यू कर चम्पावत भेज दिया है। इधर पूर्णागिरि मार्ग पर हनुमान चट्टी के पास गिरी चट्टान को तीसरे दिन भी नहीं हटाया जा सका है। पूर्णागिरि के भैरव मंदिर के पास श्रद्धालुओं के एक दर्जन से भी अधिक वाहन भैरव मंदिर टैक्सी स्टैंड के पास फंसे हुए हैं। प्रशासन के सख्त निर्देश के बाद भी श्रद्धालु ठुलीगाड़ से पैदल ही मां पूर्णागिरि धाम के दर्शन को पहुंच रहे हैं जबकि इस मार्ग में अभी भी जगह जगह मलवा और पत्थर गिर रहे हैं।

इधर क्षेत्र और पहाड़ में हो रही भारी वर्षा के चलते शारदा नदी का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है। वहीं शारदा नदी के अधिक बहाव के कारण घाट क्षेत्र में भी कटाव का सिलसिला शुरू हो गया है। प्रशासन ने घाट क्षेत्र के आसपास रह रहे लोगों को अलर्ट करते हुए सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी है। इधर अपर जिला अधिकारी त्रिलोक सिंह मर्तोलिया ने कहा है कि एनएच समेत सभी बंद पड़ी ग्रामीण सड़कों को खोलने का काम तेजी से किया जा रहा है लेकिन लगातार हो रही बारिश और बोल्डर गिरने के कारण एनएच पर गिरा मलबा हटाने में दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा कि एनएच पर फंसे यात्रियों का सुरक्षित निकाल लिया गया है। देर शाम तक टनकपुर चम्पावत एनएच और पूर्णागिरि मार्ग आवाजाही के लिए नहीं खुल पाया था।

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