Tokyo Olympic: 41 साल बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम सेमीफाइनल में, जीत की प्रबल दावेदार

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टोक्यो। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने क्वार्टरफाइनल में रविवार को 3-1 से पराजित कर 41 वर्षों के लम्बे अंतराल के बाद टोक्यो ओलम्पिक की पुरुष हॉकी प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में जगह बना ली। भारत 1980 में आखिरी बार स्वर्ण पदक जीतने के बाद 2021 में सेमीफाइनल में पहुंचा है। भारत पिछले रियो ओलम्पिक में आखिरी …

टोक्यो। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने क्वार्टरफाइनल में रविवार को 3-1 से पराजित कर 41 वर्षों के लम्बे अंतराल के बाद टोक्यो ओलम्पिक की पुरुष हॉकी प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में जगह बना ली। भारत 1980 में आखिरी बार स्वर्ण पदक जीतने के बाद 2021 में सेमीफाइनल में पहुंचा है। भारत पिछले रियो ओलम्पिक में आखिरी स्थान पर रहा था।

भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक खेलों में रविवार को यहां ग्रेट ब्रिटेन को 2-1 से हराकर 41 वर्षों बाद पहली बार ओलंपिक के अंतिम चार में जगह बनायी। भारत सेमीफाइनल में मौजूदा विश्व चैंपियन बेल्जियम से भिड़ेगा जिसने क्वार्टर फाइनल में स्पेन को 3-1 से हराया।

दूसरा सेमीफाइनल आस्ट्रेलिया और जर्मनी के बीच खेला जाएगा। भारत की तरफ से दिलप्रीत सिंह (सातवें), गुरजंत सिंह (16वें) और हार्दिक सिंह (57वें मिनट) ने गोल किये। ग्रेट ब्रिटेन की तरफ से एकमात्र गोल सैमुअल इयान वार्ड (45वें) ने किया। भारत ने ओलंपिक में आखिरी पदक मास्को ओलंपिक 1980 में स्वर्ण पदक के रूप में जीता था लेकिन तब केवल छह टीमों ने भाग लिया था और राउंड रोबिन आधार पर शीर्ष पर रहने वाली दो टीमों के बीच स्वर्ण पदक का मुकाबला हुआ था। इस तरह से भारत 1972 में म्यूनिख ओलंपिक के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचा है।

दिलप्रीत ने खोला भारत का खाता
क्वार्टर फाइनल में भारत ने आक्रामक शुरुआत की लेकिन ब्रिटिश रक्षकों ने पहले मिनट में ही सर्कल में अफरातफरी होने के बावजूद गोल बचा दिया। इसके तुरंत बाद ब्रिटेन को पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसका भारतीयों ने अच्छा बचाव किया। दिलप्रीत ने सातवें मिनट में ब्रिटिश रक्षकों की गलती का फायदा उठाकर गोल दागा। उन्होंने हालांकि गेंद पर बहुत अच्छी तरह से नियंत्रण बनाया और जब उनके सामने केवल गोलकीपर थे तब उन्हें अच्छी तरह से छकाया। दूसरे क्वार्टर के शुरू में ही हार्दिक ने ब्रिटिश खिलाड़ियों से गेंद छीनी। इसे उन्होंने गुरजंट की तरफ बढ़ाया जिन्होंने उसे खूबसूरती से गोल के हवाले किया। इससे हाफ टाइम तक भारत 2-0 से आगे था।

बेल्जियम को नहीं मिला है गोल्ड
बेल्जियम की बात की जाए तो उसने अब तक हॉकी में ओलंपिक का गोल्ड मेडल नहीं जीता है। उसे सिर्फ 2 मेडल मिले हैं। 2016 रियो ओलंपिक में टीम ने सिल्वर मेडल जीता था। इससे पहले 1920 में टीम ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रही थी। मौजूदा ओलंपिक की बात की जाए तो बेल्जियम ने अब तक एक भी मुकाबला नहीं गंवाया है। 6 में से 5 मुकाबले जीते हैं, जबकि एक मैच ड्रॉ रहा है। लेकिन ओलंपिक मेडल के हिसाब से भारतीय टीम का पलड़ा भारी है। ग्रुप मैच में ब्रिटेन ने बेल्जियम को 2-2 से बराबरी पर रोका था। दूसरी ओर भारत ने ब्रिटेन को ही हराकर अंतिम-4 में जगह बनाई।

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