जितेंद्र सिंह बबलू के BJP में शामिल होने पर भड़कीं रीता बहुगुणा जोशी, कहा- मैं स्तब्ध हूं, उसने मेरे घर में लगाई थी आग
नई दिल्ली। अलगे साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं ने दलबदली करना शुरू कर दी है। अयोध्या के बीकापुर से पूर्व विधायक और बसपा नेता जितेंद्र सिंह बबलू, बसपा से ही गाजियाबाद के मनोज शर्मा और रायबरेली से प्रवेश सिंह, आजमगढ़ के लालगंज निवासी कांग्रेस से पूर्व लोकसभा प्रत्याशी पंकज मोहन …
नई दिल्ली। अलगे साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं ने दलबदली करना शुरू कर दी है। अयोध्या के बीकापुर से पूर्व विधायक और बसपा नेता जितेंद्र सिंह बबलू, बसपा से ही गाजियाबाद के मनोज शर्मा और रायबरेली से प्रवेश सिंह, आजमगढ़ के लालगंज निवासी कांग्रेस से पूर्व लोकसभा प्रत्याशी पंकज मोहन सोनकर, लखनऊ के सेवानिवृत्त एयर कोमोडोर श्याम शंकर तिवारी और आगरा निवासी समाजसेविका डॉ. बीना लावनिया भाजपा में शामिल हो गईं।

भाजपा ने उन नेताओं की लिस्ट जारी की जिन्होंने पार्टी का दामन थामा। इसमें सबसे ज्यादा जितेंद्र सिंह बबूल ने चर्चा बंटोरी। दरअसल जितेंद्र सिंह वरिष्ठ भाजपा नेत्री रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाने के मामले में आरोपी हैं। उनके पार्टी में शामिल होते ही मानो जैसे भाजपा के सामने सवालों की झड़ी लग गई। बाहरी के आलावा पार्टी के लोग ही प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि-जितेंद्र सिंह बबलू के पार्टी में शामिल होने के समाचार से स्तब्ध हूं। उसने मेरा घर जलाया जब मैं 2009 में मुरादाबाद जेल में बंद थी उस समय सरोजनी नायडू मार्ग, लखनऊ स्थित मेरे निवास को आग लगाने में अग्रणी भूमिका निभाई थी। आरोपों की जांच हुई और वो दोषी पाए गए थे। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इन्होंने यह तथ्य पार्टी से छुपाकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता प्राप्त की है। इस संदर्भ में मैं प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से बात कर जितेंद्र सिंह बबलू की सदस्यता निरस्त करने की बात करूंगी।

प्रदेश मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने नेताओं को पटका और माला पहनाकर पार्टी की सदस्यता दिलाई। इसी क्रम में उन्होंने जितेंद्र सिंह बबलू का झुककर अभिवादन भी किया। अब सवाल उठता है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा और योगी सरकार अलग-अलग राह पर है? लखनऊ में भाजपा ऑफिस में आज जो हुआ उसका इशारा तो कम से कम ऐसा ही है।
एक ओर योगी आदित्यनाथ माफिया के लिए काल बने हुए हैं। एंटी माफिया अभियान में अपराधी किस्म के लोगों को जेल भेजा जा रहा है। उनकी संपत्ति कुर्क की जा रही है तो दूसरी तरफ अयोध्या के बाहुबली जितेंद्र सिंह बबलू को आज बीजेपी में शामिल कर लिया गया, बड़े ही मान सम्मान के साथ।
दर्जन भर मुकदमे झेल रहे जितेंद्र सिंह बबलू अब भाजपा के सदस्य हैं। जिन्हें पार्टी में आने से रोकने के लिए पिछले साल आसमान सिर पर उठा लिया था। इस बार सब चुपके-चुपके हुआ। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भाजपा ऑफिस पहुंच चुके थे। सबको यही बताया गया कि बासपा और कांग्रेस से कुछ नेता शामिल हो रहे हैं। लेकिन जब मंच पर बबलू आए तो सबके होश उड़ गए।

कहा जा रहा है कि भाजपा के एक बड़े नेता ने दिल्ली से उन्हें आशीर्वाद दे दिया। उन्होंने बाकी नेताओं को भी समझा बुझा लिया।पश्चिम बंगाल के चुनाव से पहले भी भाजपा ने मुकुल राय को लेकर कुछ ऐसा ही किया था। नतीजा सब जानते हैं। चुनाव हारने के बाद मुकुल राय ने भाजपा से तृणमूल-कांग्रेस में वापसी की और आरोप भी जड़े थे। अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर टिकी हैं। क्या वे बबलू के संग मंच साझा करेंगे? बबलू के बगल में खड़े होकर योगी किस तरह यूपी के कानून के राज का बखान करेंगे?
