लखनऊ: रक्षाबंधन पर वाणिज्य कर विभाग को लगा करोड़ों का चपत, जानें कैसे?
लखनऊ। रक्षाबंधन के त्योहार पर दो दिनों में ही 50 करोड़ की मिठाईयां और ड्राई फ्रूट बिना बिल काटे ही बिक गए। लोगों की ऐसी भीड़ उमड़ी कि राजधानी की नामी गिरामी मिठाइयों की दुकानों पर बिलिंग सिस्टम धरा का धरा रह गया। अधिकांश रेस्टारेंट और मिठाई विक्रेताओं ने कागज की पर्ची पर ही लाखों …
लखनऊ। रक्षाबंधन के त्योहार पर दो दिनों में ही 50 करोड़ की मिठाईयां और ड्राई फ्रूट बिना बिल काटे ही बिक गए। लोगों की ऐसी भीड़ उमड़ी कि राजधानी की नामी गिरामी मिठाइयों की दुकानों पर बिलिंग सिस्टम धरा का धरा रह गया। अधिकांश रेस्टारेंट और मिठाई विक्रेताओं ने कागज की पर्ची पर ही लाखों रुपये की बिक्री कर दी। असली बिक्री के हिसाब-किताब का अंदाजा वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी नहीं लगा पाते हैं। जिससे विभाग को करोड़ों रुपये के जीएसटी की चपत लगेगी। रिटर्न दाखिल करते समय व्यापारी जो सेल घोषित करेगा विभाग के अधिकारियों को वही सही माननी पड़ेगी।
त्योहार के समय मिठाई और ड्राईफ्रूट का जमकर कारोबार होता है। यही मौका होता है जब व्यापारी दो दिनों में ही लाखों रुपये के वारे-न्यारे कर लेते हैं। कुछ बड़े रेस्टोरेंट और मिठाई विक्रेता तो करोड़ों की बिक्री कर देते हैं। मिठाई और ड्राई फ्रूट पर 18 प्रतिशत जीएसटी है। लेकिन अधिकांश व्यापारी ग्राहकों को बिल नहीं देते हैं और अपनी सही बिक्री भी घोषित नहीं करते हैं। जिससे विभाग को करोड़ों रुपये के जीएसटी का नुकसान उठाना पड़ता है।
10 प्रतिशत बिक्री भी नहीं दिखाते व्यापारी
त्योहार के समय मिठाई कारोबार तो कई गुना बढ जाता है लेकिन व्यापारी 10 प्रतिशत भी बिक्री नहीं दिखाते हैं। वाणिज्य कर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखाओं की कार्रवाई कम हो जाने से व्यापारी बेखौफ हो गए हैं। त्योहार से पहले कर अपवंचन पर अंकुश लगाने के लिए मिठाई प्रतिष्ठानों पर एसआईबी टीमों द्वारा जो कार्रवाई की जाती थी वो अब ठप है। ऐसे व्यापारियों की निगरानी ना हो पाने से कर अपवंचन के मामले तेजी से बढ़े हैं।
