उत्तराखंड: 2021 के बचे हैं महज 90 दिन, सूचना विभाग की डायरी का अता पता नहीं

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हल्द्वानी, अमृत विचार। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बारे में जानकारी की उत्सुकता हर नागरिक में रहती है। साल 2021 के महज तीन महीने शेष बचे हैं लेकिन सूचना एवं लोक संपर्क विभाग देहरादून की ओर से सूचना निदर्शिनी का प्रकाशन अब तक नहीं हो सका है। जिस कारण अधिकारियों और महत्वपूर्ण विभागों के फोन नंबरों …

हल्द्वानी, अमृत विचार। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बारे में जानकारी की उत्सुकता हर नागरिक में रहती है। साल 2021 के महज तीन महीने शेष बचे हैं लेकिन सूचना एवं लोक संपर्क विभाग देहरादून की ओर से सूचना निदर्शिनी का प्रकाशन अब तक नहीं हो सका है। जिस कारण अधिकारियों और महत्वपूर्ण विभागों के फोन नंबरों की जानकारी नहीं मिल पा रही है। सरकार के मुखिया और शासन स्तर पर अधिकारियों के बदलाव के चलते 2020 की सूचना डायरी भी बेमानी साबित हो रही है।

सूचना विभाग के अधिकारियों की मानें तो, शासन स्तर पर हो रहे बदलावों के चलते प्रकाशन का काम बार-बार अटक गया। अब नवंबर के आखिरी सप्ताह तक सूचना निदर्शिनी के प्रकाशन की संभावना जताई जा रही है।

 

क्यों है महत्वपूर्ण सूचना डायरी
सूचना विभाग की ओर से प्रकाशित होने वाली सूचना निदर्शिनी में राज्य के साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल और सरकारी विभागों से जुड़े अधिकारियों के फोन नंबरों, आवासीय पता, वेबसाइट की जानकारी होती है। उच्च न्यायालय, आपदा प्रबंधन, ट्रेनों की जानकारी, मीडिया पर्सन, सार्वजनिक अ‍वकाश की जानकारी भी इसमें होती है। इसमें संकलित जानकारी का उपयोग करते हुए लोग निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों व मीडिया प्रतिनिधियों से आसानी से सम्पर्क कर सकते हैं।

त्रिवेंद्र सिंह रावत अभी भी प्रदेश के मुख्यमंत्री !
उत्तराखंड के 20 साल के सफर में पहली बार भाजपा शासन के पांच साल के कार्यकाल में तीन-तीन मुख्यमंत्री मिले हैं। जिनमें त्रिवेंद्र सिंह रावत -18 मार्च 2017 से 09 मार्च 2021, तीरथ सिंह रावत – 10 मार्च 2021 से 02 जुलाई 2021 और पुष्कर सिंह धामी- चार जुलाई 2021 से अब तक काबिज हैं। मुख्यमंत्री बदलने के क्रम के साथ अधिकारियों के बदलाव का सिलसिला भी चला। इस बीच हाइकोर्ट के भी न्यायाधीशों में बदलाव हुआ। लेकिन 2020 में प्रकाशित सूचना डायरी में अभी भी बतौर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ही काबिज हैं।

सेवानिवृत्त अधिकारियों का करना पड़ रहा है परेशानी का सामना

सूचना विभाग की लेटलतीफी के कारण आम जनता ही नहीं बल्कि सेवानिवृत्त उच्चाधिकारियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साल 2021 में  सेवानिवृत्त और स्थानांतरित हो चुके अधिकारियों को अभी भी लोग शिकायत के समाधान के लिए फोन कर रहे हैं। दरअसल लोग सूचना डायरी 2020 में अंकित अधिकारियों के फोन नंबरों पर संपर्क कर रहे हैं। इनमें से कई अधिकारी 2021 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

 

नैनीताल जिले के लिए महज 500 सूचना डायरी
जिस सूचना डायरी में शासन स्तर के महत्वपूर्ण फोन नंबर और जानकारी हों, उसकी उपयोगिता हर वर्ग के लिए होती है। सूचना विभाग के अधिकारियों की मानें तो आमजन के अलावा  प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं में भी सूचना डायरी लोकप्रिय है। लेकिन सूचना डायरी की सीमित संख्या के चलते यह हर किसी की पहुंच से बाहर होती है। सूत्रों की मानें तो नैनीताल जनपद के लिए महज 500 सूचना डायरी ही मिलती हैं, जिसके लिए हर कोई मीडिया सेंटर के अधिकारियों के संपर्क में रहता है। यह सूचना डायरी मुफ्त में वितरित होती है।

न्यूनतम कीमत के साथ सूचना डायरी का दायरा बढ़ाने की जरूरत

सूचना विभाग की डायरी की उपयोगिता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जैसे ही यह डायरी जिला सूचना अधिकारी कार्यालय में पहुंचती है तो इसे लेने के लिए हर कोई जुगत लगाने लगता है। मुफ्त में बंटने वाली इस महत्वपूर्ण डायरी के न मिलने से कईयों को निराशा का सामना करना पड़ता है। लोगों की मांग है कि सूचना विभाग को इस डायरी को न्यूनतम शुल्क के साथ बाजार, बुक स्टॉल में भी उपलब्ध कराना चाहिए। इससे प्राप्त आय से विभाग और अधिक डायरियों का प्रकाशन कर सकता है। साथ ही इसके ई संस्करण की भी शुरुआत होनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश में डिजिटल डायरी की शुरुआत
उत्तर प्रदेश में सूचना विभाग के मोबाइल एप और डिजिटल डायरी की शुरुआत की की गई है। इससे बनने से अब सूचना विभाग भी हर जानकारी से हमेशा अपडेट रह सकेगा। कोई भी व्यक्ति गूगल प्ले स्टोर पर सूचना डायरी-2021 लिखकर इसे डाउनलोड कर सकता है। इसके बाद भारत सरकार, राज्य सरकार के मंत्रियों, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों समेत अन्य विवरण प्राप्त किए जा सकते हैं। इस एप में सर्च ऑप्शन भी दिया गया है, जिससे कोई भी नाम, पदनाम, दूरभाष आदि डालने पर संबंधित व्यक्ति की समस्त जानकारी हासिल की जा सकती है।

मार्च में सूचना निदर्शिनी के प्रकाशन की तैयारियां थी। लेकिन शासन स्तर पर हो रहे बदलाव के चलते प्रकाशन टालना पड़ा। इन दिनों प्रकाशन को लेकर तैयारी चल रही हैं। नवंबर के आखिरी सप्ताह तक सूचना निदर्शिनी उपलब्ध हो जाएगी। – आशीष कुमार त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक, सूचना एवं लोक संपर्क विभाग

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