उत्तराखंड में मां दुर्गा के 11 शक्तिपीठ, जहां लगता है श्रद्धालुओं का तांता

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

अमृत विचार। आज हम आपको उत्तराखंड के 11 प्रसिद्ध शक्तिपीठों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। लोगों की आस्था ही है जिसके चलते इन पवित्र स्थलों पर न केवल देश के बल्कि विदेशों से भी सालभर भक्तों का आने का सिलसिला चलता रहता है। यहां मां दुर्गा …

अमृत विचार। आज हम आपको उत्तराखंड के 11 प्रसिद्ध शक्तिपीठों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। लोगों की आस्था ही है जिसके चलते इन पवित्र स्थलों पर न केवल देश के बल्कि विदेशों से भी सालभर भक्तों का आने का सिलसिला चलता रहता है।

यहां मां दुर्गा अलग-अगल रूपों में विराजती हैं और ये स्थान सिद्धपीठ के रूप में जाने जाते हैं। ये स्थान सिद्धपीठ इसलिए कहलाते हैं क्योंकि यहां भक्तों की मनोकामनाएं माता पूरी करती हैं। यहां ऐसे ही 11 सिद्धपीठों की बात हम करने जा रहे हैं जहां नवरात्र में जाकर आप अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं।

1- मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार

मनसा देवी को भगवान शिव की मानस पुत्री के रूप में पूजा जाता है। इनका प्रादुर्भाव मस्तक से हुआ है इसलिए इनका नाम मनसा पड़ा। इन्हें नागराज वासुकी की बहन के रूप में भी पूजा जाता है।

2- दूनागिरि मंदिर, द्वाराहाट 

 

मां दूनागिरि मंदिर द्वाराहाट से करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर इस भव्य मंदिर में मां दूनागिरि वैष्णवी रूप में पूजी जाती हैं प्रसिद्ध सिद्धपीठों में से एक मां पूर्णागिरि मंदिर टनकपुर से ..

 3- मां पूर्णागिरि मंदिर, चंपावत

प्रसिद्ध सिद्धपीठों में से एक मां पूर्णागिरि मंदिर टनकपुर से लगभग 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। चैत्र की नवरात्रि के दौरान बड़ी संख्या में भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं।

4- नंदा देवी मंदिर, कुरुड़

कुरुड़ में नंदा देवी का मंदिर गांव के शीर्ष पर देवसरि तोक पर स्थित है। कुरुड़ नंदा को राजराजेश्वरी के नाम से भी पुकारा जाता है।

5- अखिलतारिणी मन्दिर, लोहाघाट, चम्पावत

मां अखिलतारणी मंदिर को उप शक्तिपीठ माना जाता है जो घने हरे देवदार वनों के बीच में स्थित है। मान्यता के अनुसार यहां पांडवों ने घटोत्कच का सिर पाने के लिए मां भगवती से प्रार्थना की थी।

6- चैती बाल सुंदरी मंदिर, काशीपुर


माता चैती (बाल सुंदरी) मंदिर काशीपुर में स्थित है। यहां चैती मेला के नाम से चैत्र मास में प्रसिद्ध मेला लगता है। आदिशक्ति की बाल रूप में पूजा होने के कारण इसे बाल सुंदरी मंदिर कहा जाता है।

7- नैना देवी मंदिर, नैनीताल

नैना देवी मंदिर नैनीताल में नैनी झील के उत्तरी किनारे पर स्थित है। यहां सती के शक्ति रूप की पूजा की जाती है। मंदिर में दो नेत्र हैं जो नैना देवी को दर्शाते हैं।

8- कसार देवी मंदिर, अल्मोड़ा


अल्मोड़ा में कसार पर्वत पर स्थित कसार देवी मंदिर अद्वितीय और चुंबकीय शक्ति का केंद्र माना जाता है। कहा जाता है इस शक्तिपीठ में मां दुर्गा साक्षात प्रकट हुई थीं।

9- चंडी देवी मंदिर, हरिद्वार


देश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में शामिल चंडी देवी मंदिर नील पर्वत के शिखर पर स्थित है। यह प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि इस मंदिर की मूर्ति को महान संत आदि शंकराचार्य ने आठवीं शताब्दी में स्थापित किया था।

10- चंद्रबनी मंदिर, देवप्रयाग

देवप्रयाग में स्थित मां चन्द्रबदनी मंदिर शक्तिपीठों और माता सती के पवित्र स्थलों में से एक है। यह शक्तिपीठ चंद्रकूट पर्वत के ऊपर स्थित है।

11- सुरकंडा देवी मंदिर, कद्दूखाल , टिहरी


सुरकंडा देवी मंदिर टिहरी क्षेत्र में सुरकुट पर्वत पर लगभग 2757 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक है।

 

 

 

संबंधित समाचार