‘पार्टीगेट’ विवाद में जुर्माने के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस्तीफा देने से किया इनकार

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लंदन। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी सरकार द्वारा निर्धारित लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन मामले में खुद पर जुर्माना लगाए जाने के बाद इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बजाय ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई का मुकाबला करने के …

लंदन। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी सरकार द्वारा निर्धारित लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन मामले में खुद पर जुर्माना लगाए जाने के बाद इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बजाय ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई का मुकाबला करने के लिए दोगुनी ऊर्जा से काम करेंगे।

उल्लेखनीय है कि लंदन पुलिस ने 19 जून 2020 को डाउनिंग स्ट्रीट कार्यालय (ब्रिटिश प्रधानमंत्री का कार्यालय) में पार्टी करने के मामले में जॉनसन और अन्य लोगों पर मंगलवार को जुर्माना लगाया था। इसके साथ ही जॉनसन ब्रिटेन के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए थे, जिन पर नियमों के उल्लंघन को लेकर पद पर बने रहने के दौरान जुर्माना लगाया गया है। जॉनसन ने जब जन्मदिन की पार्टी आयोजित की थी, तब कोविड-19 के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए दो से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक थी।

उन्होंने मंगलवार देर शाम कहा, ‘‘मैं समझ सकता हूं कि कई लोग इस बात को लेकर नाराज होंगे कि मैं खुद उन नियमों के अनुपालन में चूक गया, जो मरे नेतृत्व वाली सरकार ने लोगों की सुरक्षा के लिए बनाए थे। और मैं स्वीकार करता हूं कि लोगों को मुझसे कहीं बेहतर आचरण की उम्मीद थी।’’ उल्लेखनीय है कि यह जुर्माना सरकारी कार्यालयों में लॉकडाउन से जुड़े नियमों के उल्लंघन को लेकर पुलिस द्वारा कई महीनों तक की गई जांच के बाद लगाया गया है।

हालांकि, जॉनसन ने यह कहकर जांच से बचने की कोशिश की थी कि डाउनिंग स्ट्रीट में न तो कोई पार्टी हुई है और न ही नियम-कायदे तोड़े गए हैं। इससे पहले, विपक्षी दल के सदस्यों ने जॉनसन का इस्तीफा मांगते हुए कहा था कि उन पर लगाया गया जुर्माना सरकार के केंद्र में बैठे लोगों की ‘‘अपराधी प्रवृत्ति’’ का सबूत है। उन्होंने आरोप लगाया था कि डाउनिंग स्ट्रीट में पार्टी से यह साबित होता है कि जॉनसन और उनके समर्थक मानते हैं कि कानून उन पर लागू नहीं होते।

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