स्तनपान मां और बच्चे के लिए है वरदान: सीडीओ

स्तनपान मां और बच्चे के लिए है वरदान: सीडीओ

बाराबंकी। मां का दूध बच्चे के लिए अमृत से कम नहीं है। इसके बाद भी महिलाएं भ्रांतियों के चलते अपने बच्चे को स्तनपान कराने से कतराती हैं यह बातें ‘पानी नहीं केवल स्तनपान अभियान’ रैली का शुभारंभ करते हुए सीडीओ एकता सिंह ने कही। एकता सिंह ने कहा मां की बदलती सोच बच्चे के स्वास्थ्य …

बाराबंकी। मां का दूध बच्चे के लिए अमृत से कम नहीं है। इसके बाद भी महिलाएं भ्रांतियों के चलते अपने बच्चे को स्तनपान कराने से कतराती हैं यह बातें ‘पानी नहीं केवल स्तनपान अभियान’ रैली का शुभारंभ करते हुए सीडीओ एकता सिंह ने कही। एकता सिंह ने कहा मां की बदलती सोच बच्चे के स्वास्थ्य पर असर डालती है।

चिकित्सक जन्म के बाद बच्चों को मां का दूध पिलवाते हैं। इसके बाद भी कम से कम छह माह तक बच्चे को मां का दूध पिलाने की सलाह देते हैं, लेकिन महिलाएं इस सलाह पर अमल नहीं कर पाती है। डीआरडीए सभागार से बालविकास पुष्टाहार की तरफ से आयोजित जागरूकता यह रैली पुलिस लाइन चौराहे तक निकाली गई। हाथों में तमाम तरह के श्लोगनो से लिखी हुई तख्तियां लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों में अभियान को लेकर गजब का उत्साह दिख रहा था।

अपर चिकित्सा अधिकारी डीके श्रीवास्तव ने बताया अधिकांश माताएं कुछ दिन बाद ही बच्चे को अपना दूध पिलाना बंद कर देती हैं। वह बच्चे को या तो बाजार का डिब्बा बंद दूध देना शुरू कर देती हैं या फिर गाय या भैंस के दूध से काम चलाती हैं, जबकि बच्चे को पैदा होने के छह माह तक स्तनपान कराना चाहिए।

क्या कहती हैं जिला डीपीओ

डीपीओ निधि चौधरी कहती हैं बच्चे को जन्म से कम से कम छह माह तक मां का दूध पिलाना चाहिए, जिससे बच्चे को पर्याप्त पोषक तत्व मिल जाते हैं। इसी महत्व को बताने और महिलाओं को जागरूक करने के लिए एक अगस्त से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान दिवस मनाया जाता है। अभियान चला कर मां को इसके प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा आशा-आंगनवाड़ी गांवों में जाकर महिलाओं को जागरूक करेंगी। इसके लिए अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जाएगा।

स्तनपान के यह हैं लाभ

  1. बच्चे को डायरिया जैसे रोग की संभावना कम हो जाती है।
  2. मां के दूध में मौजूद तत्व बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
  3. स्तनपान कराने से मां व बच्चे के मध्य भावनात्मक लगाव बढ़ता है।
  4. मां का दूध न मिलने पर बच्चे में कुपोषण व सूखा रोग की संभावना बढ़ जाती है।
  5. स्तनपान से मां को स्तन कैंसर की संभावना भी कम हो जाती है।
  6. मां का दूध पीने वाले बच्चे का तेजी से विकास होता है।

पढ़ें-SC ने गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता देने से जुड़ी याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब