काशीपुर: अब गरीब तबके के बच्चे कर सकेंगे मेडिकल व इंजीनियरिंग की तैयारी

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काशीपुर, अमृत विचार। उत्तराखंड प्रादेशिक को-ऑपरेटिव यूनियन (पीसीयू) चेयरमैन राम मेहरोत्रा ने बताया कि आगामी दिनों में प्रदेश स्तर पर कुछ नई योजनाओं पर काम करने जा रही है। पीसीयू के तहत प्रत्येक जिलों से गरीब किसान के बच्चों को मेडिकल व इंजीनियरिंग की तैयारी कराने के लिए नई पहल शुरू की गई है। शनिवार …

काशीपुर, अमृत विचार। उत्तराखंड प्रादेशिक को-ऑपरेटिव यूनियन (पीसीयू) चेयरमैन राम मेहरोत्रा ने बताया कि आगामी दिनों में प्रदेश स्तर पर कुछ नई योजनाओं पर काम करने जा रही है। पीसीयू के तहत प्रत्येक जिलों से गरीब किसान के बच्चों को मेडिकल व इंजीनियरिंग की तैयारी कराने के लिए नई पहल शुरू की गई है।

शनिवार को पीसीयू चेयरमैन राम मेहरोत्रा ने प्रेस वार्ता में बताया कि बीते रोज देहरादून में पीसीयू की बैठक में 14 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर निर्णय लिए गए हैं। जिसमें सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में पीसीयू के माध्यम से स्टेशनरी क्रय करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।

गंगोत्री का गंगाजल अब उत्तराखंड प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन (पीसीयू) के माध्यम से देश-विदेश तक पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा इंस्टीट्यूट ऑफ को-ऑपरेटिव मैनेजमेंट रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी। जिसमें कोऑपरेटिव सर्विसेस से संबंधित पाठ्यक्रम पढ़ाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अब शिक्षा निधि कोष से शिक्षा प्रशिक्षण कार्य संपादित करवाने का भी सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। इसके साथ ही पीसीयू उत्तराखंड और पीसीयू उत्तर प्रदेश के मध्य परिसंपत्तियों एवं निधियों के विभाजन के संबंध में सहमति बन गई है। इस संबंध में जल्द ही दोनों राज्यों के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक होगी।

इसके साथ ही प्रादेशिक को-ऑपरेटिव यूनियन की ओर से मासिक पत्रिका के आरएनआई रजिस्ट्रेशन को लेकर भी अध्यक्ष की ओर से औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। पीसीयू चेयरमैन ने कहा कि अब राज्य में पीसीयू धान खरीद केंद्र लगाकर धान खरीद भी करेगी।

किसानों की बच्चों को कराया जाएगा मेडिकल व इंजीनियरिंग की तैयारी उत्तराखंड प्रादेशिक को-ऑपरेटिव यूनियन की तरफ से एक नई पहल की गई है। जिसके अंतर्गत प्रत्येक जिलों से गरीब किसान के बच्चों को मेडिकल व इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए भेजा जाएगा। इसमें पहले दौर में प्राथमिक तौर पर 15 बच्चों का चयन किया जाएगा। अगले वर्ष फंड के अतिरिक्त प्रबंध होने पर यह संख्या और बढ़ाई जाएगी।

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