‘करोड़पति’ बनने के लिए खुद को ‘मार डाला’, फिर ऐसी खुली पोल

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अलवर। राजस्थान में अलवर के मनुमार्ग निवासी नीरज शर्मा ने खुद को ही मृत घोषित करते हुए अपना मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया। इतना ही नहीं लोगों से बचने के लिए वो पिछले 2 साल से घर के अंदर रहा। उसकी ओर से की जा रही जालसाजी का खुलासा तब हुआ कि जब उसने अपना …

अलवर। राजस्थान में अलवर के मनुमार्ग निवासी नीरज शर्मा ने खुद को ही मृत घोषित करते हुए अपना मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया। इतना ही नहीं लोगों से बचने के लिए वो पिछले 2 साल से घर के अंदर रहा। उसकी ओर से की जा रही जालसाजी का खुलासा तब हुआ कि जब उसने अपना फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र कोर्ट में भी पेश कर दिया।

दरअसल पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू की। तो पूरे वारदात का खुलासा हो गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने वाले लोगों की भी जांच पड़ताल की जा रही है।

घटना के संबंध में थाना प्रभारी राजेश शर्मा ने बताया कि आरोपी नीरज शर्मा निवासी मनु मार्ग ने पुलिस लाइन मार्ग स्थित एक मैरिज गार्डन किराए पर लिया था और उसका 16 लाख रुपए किराया नहीं दिया। गार्डन मालिक ने आरोपी के खिलाफ किराए दिलाने का कोर्ट में वाद दायर कर दिया था। लेकिन आरोपी ने खुद का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर उसे कोर्ट में पेश कर दिया और मौके से फरार हो गया।

2017-18 में नीरज में अलवर में एक मैरिज होम किराए पर लिया था। मैरिज होम की मालिक नेहा यादव ने किराया नहीं देने पर कोर्ट में वाद दायर कर दिया था और 2019 में मैरिज होम बंद कर दिया। इसके बाद कोर्ट में इस मामले में केस चल रहा था। कोर्ट ने नीरज को बकाया चुकाने का आदेश दिया तो नीरज ने हाईकोर्ट में याचिका लगा दी। हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के आदेश को यथावत रखा।

इसी बीच देश में कोरोना संकट आने से आ गया और इसी दौरान नीरज के पिता चंद्रशेखर की कोरोना से 2020 में मौत हो गई थी। इससे नीरज को 16,00,000 रुपए बचाने का आइडिया आया और उसने फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवा लिया। सबसे पहले आरोपी ने आधार कार्ड में एड्रेस चेंज करवाया।

इसके बाद ट्रांसपोर्ट नगर स्थित श्मशान घाट में जाकर मृतक का नाम में करेक्शन करवाने के बहाने खुद का नाम लिखवाया और उसके बाद नगर परिषद से 10 मई 2020 को डेथ सर्टिफिकेट बनवा लिया। इसके बाद आरोपी शख्स 2 साल तक घर से नहीं निकलना। कोर्ट में भी यह सूचना दी गई कि नीरज की कोरोना में मौत हो गई है।

लेकिन पीड़ित नेहा यादव ने एक दिन नीरज शर्मा को स्कूटर चलाते हुए देखा और उसका वीडियो बनाकर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट के आदेश पर मामले की जांच की गई तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। घटना के बाद यह भी खुलासा हुआ है कि नीरज शर्मा ने एक करोड रुपए का इंश्योरेंस क्लेम पास करवाने के लिए दूसरा डेथ सर्टिफिकेट भी बनवाया था।

एसएचओ राजेश शर्मा ने बताया कि नीरज शर्मा संपन्न परिवार से आता है। उसके पिता चंद्रशेखर शर्मा RAS थे । चार भाइयों में एक भाई कृष्ण कांत शर्मा ASP रह चुके हैं। नीरज ने भी RAS का एग्जाम पास कर इंटरव्यू तक दिया था, लेकिन सफल नहीं हो पाया था।
धोखाधड़ी के चलते आज वो जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया है।

फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र।

1 करोड़ रुपए बीमा पाने के लिए फिर रची साजिश
2020 में पहला डेथ सर्टिफिकेट हाथ में आते ही नीरज ने प्लान बी पर काम शुरू कर दिया था। अक्टूबर 2020 में उसने अपना एड्रेस बदलकर बख्तल की चौकी के पास अस्थाई निवासी बताया। 21 अक्टूबर 2020 को ICICI और PNB बैंक में 50-50 लाख के बीमा की दो पॉलिसी ली। पहले साल की 38-38 हजार की किस्त भी जमा करा दी।

कोरोना में मृत्यु होने पर ट्रांसपोर्ट नगर में अंतिम संस्कार होना दिखाकर 21 नवंबर 2021 को नगर परिषद से फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाकर 1 करोड़ की बीमा रकम के लिए क्लेम करा दिया। क्लेम करने के कुछ दिन बाद बीमा पॉलिसी एजेंट वेरिफिकेशन के लिए घर पहुंचा तो नीरज के छोटे भाई संजय ने उसकी पोल खोल दी। एजेंट को कहा- भाई जिंदा है।

एसएचओ ने बताया कि कंपनी ने नीरज के खिलाफ कोतवाली थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज करा दिया। नीरज फरार हो गया था। रविवार को पुलिस ने उसे अलवर से ही दबोच लिया था। सोमवार को गिरफ्तारी दिखाई और मामले का खुलासा कर दिया।

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