हल्द्वानी: उत्तराखंड में धर्म और जाति के विभाजन की खाई को और चौड़ा करना चाहती है भाजपा : राजा बहुगुणा

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

हल्द्वानी, अमृत विचार। भाकपा (माले) की उत्तराखंड राज्य कमेटी की दो दिवसीय बैठक पार्टी के राज्य कार्यालय दीपक बोस भवन में संपन्न हुई। भाकपा (माले) का ग्यारहवां राष्ट्रीय महाधिवेशन 15 से 20 फरवरी 2023 तक पटना में आयोजित होगा। राष्ट्रीय महाधिवेशन की तरफ बढ़ते हुए प्रदेश भर में पार्टी और जन संगठनों की मजबूती के …

हल्द्वानी, अमृत विचार। भाकपा (माले) की उत्तराखंड राज्य कमेटी की दो दिवसीय बैठक पार्टी के राज्य कार्यालय दीपक बोस भवन में संपन्न हुई। भाकपा (माले) का ग्यारहवां राष्ट्रीय महाधिवेशन 15 से 20 फरवरी 2023 तक पटना में आयोजित होगा। राष्ट्रीय महाधिवेशन की तरफ बढ़ते हुए प्रदेश भर में पार्टी और जन संगठनों की मजबूती के लिए भाकपा (माले) अभियान चलाएगी। प्रदेश भर में पार्टी सुदृढ़ीकरण की प्रक्रिया को तेज करते हुए दिसंबर माह तक विभिन्न जिलों के सम्मेलन आयोजित किये जाएंगे।

बैठक को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) के राज्य सचिव कामरेड राजा बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार धर्म और जाति के विभाजन को और गहरा कर रही है और समान नागरिक संहिता भी उसके लिए इसी विभाजन की खाई को चौड़ा करने का औजार है। इस विभाजन की खाई को चौड़ा करने के लिए राज्य सरकार इस कदर उतारू है कि उसे इस बात की परवाह नहीं है कि ऐसा करने का कोई संवैधानिक अधिकार उसे नहीं है। एक तरफ उत्तराखंड सरकार भू कानून पर कमेटी का ढोल बजा रही है और दूसरी तरफ विधानसभा में खुद वह जमीन की निर्बाध बिक्री के रास्ते में आने वाली हर बंदिश को खुद समाप्त कर चुकी है। जमीन के अलावा जंगल और पानी को भी कार्पोरेट घरानों के हवाला करना, इस सरकार का एजेंडा है, जिस पर जनांदोलनों के जरिये ही लगाम लगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि जिस समय प्रदेश के युवा नौकरियों की लूट के खिलाफ लड़ रहे हैं, उस समय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कभी समान नागरिक संहिता, कभी भू कानून कमेटी की रिपोर्ट का शिगूफा छेड़ कर मुद्दे को भटकाना चाहते हैं लेकिन प्रदेश के युवा नौकरियों के लुटेरों से भी लड़ेंगे और संसाधनों के लुटेरों से भी।

माले के गढ़वाल सचिव कामरेड इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि हेलंग में घास लाती महिला से पुलिस और घास छीनने की घटना के दो महीने बाद भी कोई कार्यवाही न होना यह दर्शाता है कि उत्तराखंड सरकार के संरक्षण में ही यह कार्यवाही हुई थी। न केवल चमोली जिले का जिलाधिकारी बल्कि पुष्कर सिंह धामी की सरकार का भी इस मामले में व्यवहार परियोजना निर्माता कंपनी टीएचडीसी के कारिंदे जैसा ही हैं। भाकपा ( माले) यह मांग करती है कि इस मामले में चमोली जिले के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस व प्रशासन के घटना के जिम्मेदार लोगों को तत्काल हटाया जाए। जल- जंगल- जमीन जैसे संसाधनों पर स्थानीय लोगों का अधिकार सुनिश्चित किया जाए। जल विद्युत परियोजना निर्माता कंपनियों को हेलंग की तरह पुलिस- प्रशासन को हथियार बनाकर स्थानीय लोगों और उनके संसाधनों पर हमले का अधिकार कतई नहीं दिया जाना चाहिए।

किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य पूरी तरह से घोटालों का प्रदेश बन चुका है। युवाओं के रोजगार की लूट के मामले में पुष्कर सिंह धामी और उनकी सरकार पूरी तरह से जनता का विश्वास खो चुकी है। उत्तराखंड के इस भ्रष्टाचार को सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सीधा संरक्षण प्राप्त है। भाकपा (माले) नैनीताल जिला सचिव डॉ. कैलाश पांडेय ने कहा कि नौकरियों में उत्तराखंड की महिलाओं का आरक्षण समाप्त होने और उसके बाद सरकार के इस मसले पर सुस्त रवैये से साफ है कि सरकार इस मसले पर गंभीर नहीं है और उसकी लचर पैरवी की चलते ही पीसीएस की मुख्य परीक्षा से पहले उत्तराखंड की युवतियों के सामने यह संकट खड़ा हो गया है। भाकपा (माले) यह मांग करती है कि सरकार पीसीएस की मुख्य परीक्षा से पहले इस मसले का पुख्ता विधि सम्मत समाधान करे।

बैठक में पारित हुए ये प्रस्ताव
• उत्तराखंड में निरंतर दलितों पर हमले की घटनाओं पर रोक लगाई जाए।
• सरकारी नौकरियों की भर्ती व उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में चयन में हुए घोटालों की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से करायी जाए।
• राज्य में सभी खाली पदों पर नियुक्ति तत्काल की जाए।
• हेलंग मामले में चमोली जिले के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना तथा पुलिस व प्रशासन के घटना के जिम्मेदार लोगों को तत्काल हटाया जाए।

संबंधित समाचार