अयोध्या नगर निगम में शामिल रानोपाली गांव बन गया भू-माफिया की चारागाह

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इंदुभूषण पांडेय, अमृत विचार, अयोध्या। शहर में अवैध कब्जे का खेल खेलने वाले भू-माफिया ने अब अयोध्या महानगर में शामिल रानोपाली इलाके को भी नहीं छोड़ा। भू-माफिया और तहसील के काकस ने मिल कर इस इलाके को भी अपनी चारागाह में तब्दील कर दिया। इतना ही नहीं इस काकस ने पौराणिक त्रिलोदकी गंगा की जमीनों …

इंदुभूषण पांडेय, अमृत विचार, अयोध्या। शहर में अवैध कब्जे का खेल खेलने वाले भू-माफिया ने अब अयोध्या महानगर में शामिल रानोपाली इलाके को भी नहीं छोड़ा। भू-माफिया और तहसील के काकस ने मिल कर इस इलाके को भी अपनी चारागाह में तब्दील कर दिया। इतना ही नहीं इस काकस ने पौराणिक त्रिलोदकी गंगा की जमीनों तक पर कब्जा कर लिया। रानोपाली क्षेत्र में यह बड़ा भूमि घोटाला तब सामने आया जब शासन स्तर पर एक शिकायत हुई जिसकी जांच की खानापूर्ति अब तहसील प्रशासन कर रहा है।

शहरी इलाके में लम्बे अर्से से सक्रिय भू – माफिया और सरकारी तंत्र का गठजोड़ बेहद खामोशी के साथ आसपास पैर पसार चुका है। इसमें और तेजी तब आई जब जिले के 41 गावों को नगर निगम में शामिल कर लिया गया। भूमि कब्जाने के सुनियोजित खेल में अयोध्या विकास प्राधिकरण, तहसील और भू-माफिया का तगड़ा काकस शामिल है। ‘ अमृत विचार’ शहरी क्षेत्र में अवैध कब्जों के इस खेल का पहले खुलासा कर चुका है, अब यह नया घोटाला सामने आया है।

बताया जाता है कि बीते दस से 15 वर्षों में रानोपाली ग्राम सभा भी इस काकस की गिरफ्त में आ गई। यहां भी सुनियोजित तरीके से भू-माफिया ने सरकारी तंत्र से अपने गठजोड़ की बदौलत तालाबों और चारागाह समेत ग्राम समाज की जमीनों पर कब्जे कर डाले। रानोपाली ग्राम सभा में सरकारी अभिलेखों में दर्ज छोटे बड़े लगभग 42 ताल पोखर में से अधिकतर को पाट कर कब्जा कर लिया गया और भवन तक खड़े कर दिए। यहां चारागाह के रुप में दर्ज जमीनों पर भी अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया।

सूत्रों के अनुसार देवकाली ओवरब्रिज के पास एक सरकारी जमीन को एक बड़े भू-माफिया ने घिरवा रखा है। इस पर न तहसील प्रशासन की नजर पड़ी न ही विकास प्राधिकरण की। जबकि स्थानीय लोगों द्वारा शिकायत भी की गई। वहीं इसी इलाके में दो नामचीन लोगों ने मार्केट और कईयों ने मकान तक बनवा लिए हैं। नाजायज कब्जे के इस षड़यंत्र में स्थानीय लेखपाल, सदर तहसील के कर्मी और तत्कालीन प्रधानों की भी बड़ी भूमिका रही है।

सूत्रों के अनुसार इस अवैध कब्जों में तबसे और तेजी आई है जबसे अयोध्या में मंदिर निर्माण और इस इलाके को नगर निगम में शामिल किया गया है। रानोपाली क्षेत्र में अवैध कब्जों की यह स्थिति है कि एक बड़ा भू-भाग ग्राम सभा क्षेत्र से ही गुम हो गया है। जिसके चलते यहां भी जमीनों के रेट पांच से छह वर्ष के बीच आसमान छूने लगे हैं।

त्रिलोदकी गंगा भी भू – माफिया की गिरफ्त में
रानोपाली ग्राम सभा में पौराणिक त्रिलोदकी गंगा का एक बड़ा हिस्सा भी आता है। यह वही त्रिलोदकी गंगा है जिसे लेकर एक शिकायत के बाद एनजीटी द्वारा जांच के आदेश भी दिए गए हैं। बताया जाता है कि इस क्षेत्र में त्रिलोदकी गंगा के अधिकतर हिस्से पर दुकानें और मकान तक बन गए हैं। जिसके कारण यहां पौराणिक नदी का अस्तित्व ही समाप्त हो चुका है। इसके बाद भी शासन- प्रशासन में बैठे जिम्मेदारों की नजर इस पर नहीं पड़ रही है। नाम न छापने की शर्त पर एक तहसील कर्मी ने रानोपाली क्षेत्र में अवैध कब्जों की चल रही जांच की बात कही है। बताया कि पूरी फाइल एसडीएम के पास है, वही यह मामला देख रहे हैं।

वर्तमान में कई क्षेत्रों की जांच चल रही है। उसमें रानोपाली क्षेत्र की जांच है या नहीं यह कार्यालय खुलने पर ही जानकारी दे सकेगें। जहां भी सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा पाया जायेगा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी …रामकुमार शुक्ला, उप जिलाधिकारी, अयोध्या सदर।

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