मुरादाबाद: दोस्त की हत्या में दो युवकों को उम्र कैद की सजा

घर से घुमाने के बहाने ले जाकर वर्ष 2016 में कर दी थी हत्या, अदालत ने दोषियों पर 20-20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया

मुरादाबाद: दोस्त की हत्या में दो युवकों को उम्र कैद की सजा

मुरादाबाद, अमृत विचार। दोस्ती जैसे पवित्र रिश्ते को कलंकित करते हुए दोस्त की हत्या करने वाले दो युवकों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने दोनों पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

बीस मार्च 2016 को सिविल लाइंस थानाक्षेत्र के आउट हाऊस निवासी सुनील कुमार ने को मुकदमा दर्ज कराया था। सुनील कुमार का कहना था कि 19 मार्च की शाम करीब सात बजे पारकर रोड निवासी योगेन्द्र उर्फ पलटू और मोनू उर्फ पैकेट उनके घर आए। दोनों उनके बेटे मोहित के दोस्त थे। वह बेटे को घुमाने के बहाने अपने साथ ले गए। इसके बाद मोहित घर नहीं लौटा। पूरी रात मोहित का इंतजार करने के बाद सुबह को परिजनों ने उसकी तलाश की। तब मोहित का शव रेलवे अस्पताल के पीछे बने सरकारी आवास में मिला।

 उसके सिर में गंभीर चोटें लगीं थीं। सुनील कुमार की तहरीर पर सिविल लाइंस पुलिस ने केस दर्ज करते हुए योगेंद्र उर्फ पलटू और मोनू उर्फ पैकेट को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। इसके बाद पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र भी प्रस्तुत कर दिया था। इस मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम अरविंद कुमार सिंह द्वितीय की अदालत में हुई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ब्रजराज सिंह ने बताया कि अभियोजन की ओर से 11 गवाह प्रस्तुत किए गए। सभी गवाहों ने अपने बयानों में घटना की पुष्टि की। 

अदालत में बहस करते हुए बचाव पक्ष ने दोनों आरोपियों को झूठा फंसाने की बात कही। यह भी कहा कि आरोपियों की मोहित से किसी प्रकार की दुश्मनी भी नहीं थी। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने एवं पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद आरोपी योगेन्द्र उर्फ पलटू और मोनू उर्फ पैकेट को मोहित की हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों दोषियों पर 20-20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।

अपमिश्रित शराब बेचने के दोषी को सात साल का कठोर कारावास
मुरादाबाद। शराब की तीव्रता बढ़ाने के लिए उसमें यूरिया व अन्य पदार्थ अपमिश्रित करके बेचने के आरोप में दोषी पाए गए व्यक्ति को अदालत ने सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा आबकारी एक्ट में भी उसे दोषी मानते हुए दो साल का सश्रम कारावास सुनाया गया है। अदालत ने आरोपी पर 12 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है।

नागफनी थाना के तत्कालीन उपनिरीक्षक उपेन्द्र शर्मा ने 29 दिसंबर 2016 को मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा था कि मुखबिर ने उन्हें सूचना दी कि एक व्यक्ति अपने घर में यूरिया मिश्रित शराब बनाकर क्षेत्र में बेचता है। सूचना पर एसआई उपेन्द्र शर्मा ने टीम की मदद से आरोपी को पकड़ लिया। उसने अपना नाम भगवानदास निवासी बंगला गांव बताया। तलाशी में भगवानदास के पास से प्लास्टिक की 10 लीटर की कैन में मिश्रित शराब और आधा किलो यूरिया तथा नौसादर मिला। पूछताछ में भगवानदास ने स्वीकार किया था कि वह शराब को क्षेत्र में बेचने के लिए जा रहा था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।

इस मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रघुबर सिंह की अदालत में हुई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नाहर सिंह त्यागी ने बताया कि अदालत ने आरोपी भगवानदास को अपमिश्रित शराब बनाने का दोषी करार देते हुए सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना किया है। इसके साथ ही आबकारी एक्ट का भी दोषी मानते हुए दो साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में उस पर दो हजार रुपये का जुर्माना भी किया। अदालत ने आदेश में कहा है कि दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। जेल में बिताई गई अवधि को भी सजा में समायोजित किया जाएगा।

 

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