बरेली: निकाय चुनाव को लेकर छोटे कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी, आरक्षण पर संशय बरकरार

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
On

बरेली, अमृत विचार। निकाय चुनाव को लेकर बिगुल बज चुका है। चुनावी मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ने लगी हैं। हालांकि आरक्षण को लेकर प्रत्याशियों में संशय बरकरार है, लेकिन उसके बाद भी समय की नकाजत को समझते हुए प्रत्याशी मैदान में अपने प्रतिद्वंदी को पटकनी देने के आकड़े जुटाने में लग गए हैं। पुराने चुनाव के परिणाम को लेकर अभी से मंथन शुरू हो गया है। 

निकाय चुनाव में बीते विधानसभा चुनाव को लेकर भी रणनीति तैयार की जा रही है। बीते विधानसभा चुनाव में छोटे नेताओं का बड़ा योगदान रहा था। जिसको लेकर बड़े नेताओं ने इनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी दे दी है। अभी से गांव-शहर में लगने वाली बैठकों में प्रत्याशी इनके जरीए अपने आप को मजबूत करने में लगे हैं। निकाय चुनाव में अभी आरक्षण को लेकर प्रत्याशियों में संशय बरकरार है। लेकिन सभी अपने आप को प्रत्याशी मान कर तैयारियों में जुट गए हैं। प्रत्याशियों का कहना है कि आरक्षण के बाद स्थिति साफ हो जाएगी। जिन्हें टिकट नहीं मिलेगा वह अपने समर्थक को लड़ा कर चुनाव में विजय बनाएंगे।

गांव से लेकर शहर तक प्रचार का दौर शुरू

जिले में उम्मीदवारों ने अपना प्रचार शुरू कर दिया है, जिसको लेकर जगह-जगह प्रत्याशियों के पोस्टर बैनर लगने लगे हैं। आने वाले निकाय चुनाव को लेकर सभी जोर आजमाइश पर लगे हुए हैं। आचार संहिता लगने के बाद प्रचार पर पाबंदी लग जाएगी। इससे पहले अपना प्रचार कर खुद को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। 

पैर छूने से लेकर आर्शीवाद लेने का दौर शुरू
निकाय चुनाव का असर अब गली मौहल्लों में दिखने लगा है। जो कभी किसी से बात नहीं करते थे। अब नमस्कार कर पैर छूकर आशीर्वाद ले रहे हैं। अपना नाम बताकर अपनी पहचान बता रहे हैं। यहां तक की अब नुक्कड़ों पर चुनावी सभा को भी करना शुरू कर दिया है। उम्मीदवार कह रहा है कि मैं आपके बेटे के समान हूं और छोटे को बड़ा भाई बता कर उससे गले मिलने का दौर शुरू हो गया है। 

 

संबंधित समाचार